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नवरात्रि में इन 32 नामों का जाप अवश्य करें पूरी होगी हर कामना

इसके बाद इस मंत्र की 5, 11 या 21 माला का जाप करें। मंत्र जाप के बाद मां भगवती से अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखने के लिए एवं अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए विनती करें।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 04:30 PM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 12:10 PM (IST)
नवरात्रि में इन 32 नामों का जाप अवश्य करें पूरी होगी हर कामना
नवरात्रि में इन 32 नामों का जाप अवश्य करें पूरी होगी हर कामना
नवरात्रि हिन्दू धर्म द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध त्यौहार है। यूं तो इसे अन्य त्यौहारों की तरह हंसी-खेल में मनाया जाने वाला पर्व नहीं माना जाता, अपितु यह धार्मिक अनुष्ठान से पूरित और महत्वपूर्ण रीति रिवाजों वाले नौ दिनों के रूप में देखा जाता है। इस दौरान आदि शक्ति के नौ रूपों की पूजा की जाती है। प्रथम नवरात्रि से लेकर अंतिम दिन एवं पारण तक नौ देवियों का पूजन और अंत में कन्या पूजन के साथ इस पर्व को सम्पूर्ण किया जाता है।  
वैसे नवरात्रि पर्व के दौरान पूरे विधि-विधान से ही देवी के नौ रूपों की पूजा करना अनिवार्य माना गया है। साथ ही व्रत करने का भी अनुष्ठान है, किंतु मान्यता यह भी है कि नवरात्रि के नौ दिनों में आदिशक्ति के किसी ही रूप की यदि दिल से पूजा-अर्चना की जाए तो भक्त की मुराद पूरी हो जाती है।
  
इसलिए आज हम आपको शक्ति के ही रूप ‘मां भगवती’ के एक ऐसे मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका यदि नवरात्रि के दौरान नियमित जाप किया जाए तो भक्त की मनोकामना पूरी जरूर होती है। इतना ही नहीं, देवी उसकी राह में आने वाली अड़चनों का भी खात्मा कर देती हैं।
यह मंत्र मां भगवती के 32 गुप्त नामों से बना है। इन 32 नामों को जोड़ बनाए गए इस मंत्र का नवरात्रि के दौरान जाप किया जाना अत्यंत लाभकारी माना गया है।
देवी के 32 नामों वाला यह मंत्र इस प्रकार है –
दुर्गा दुर्गार्तिशमनी दुर्गापद्धतिनिवारिणी।
दुर्गमच्छे्दिनी दुर्गसाधिनी दुर्गनाशिनी
दुर्गतोद्वारिणी दुर्ग निहन्त्री दुर्गमापहण।
दुर्गम ज्ञानदा दुर्ग दैत्यलो कदवानला।
दुर्गमा दुर्गमालोका दुर्गमात्मस्वरूपिणी।
दुर्ग मार्गप्रदा दुर्गम विद्या दुर्गमाश्रिता।
दुर्गम ज्ञान संस्थाना दुर्गम ध्यान भासिनी।
दुर्गमोहण दुर्गमगा दुर्गमार्थस्वरूपिणी।
दुर्गमासुरस हंन्श्री दुर्गमायुधधारिणी।
दुर्गमाड़ी दुर्गमता दुर्गम्या दुर्गमेश्वरी।
दुर्गभीमा दुर्गभामा दुर्गभा दुर्गदारिणी।
नामावलिमिमां यस्तु दुर्गाया मम मानव:
पठेत् सर्वभयान्मुक्तो भविव्यतिन संशय:।
मंत्र जाप को करने के नियम – स्नान के पश्चात आसन लगाकर बैठ जाएं और मां भगवती की मूर्ति या तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके बाद इस मंत्र की 5, 11 या 21 माला का जाप करें। मंत्र जाप के बाद मां भगवती से अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखने के लिए एवं अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए विनती करें।

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