Move to Jagran APP

क्या हमारे देवता दूसरे ग्रह या लोक से आए हैं

मैंने कहीं कुछ ऐसे विचारों के बारे में पढ़ा है कि सभी देवता ‘एलिएन्स’ यानी किसी दूसरे ग्रह के प्राणी हैं। उनके पास बहुत सारी तकनीक और यंत्र हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 23 Jan 2017 11:40 AM (IST)Updated: Mon, 23 Jan 2017 11:44 AM (IST)
क्या हमारे देवता दूसरे ग्रह या लोक से आए हैं
क्या हमारे देवता दूसरे ग्रह या लोक से आए हैं

कई संस्कृतियों के प्राचीन ग्रंथों में ऐसी बातें मिलतीं हैं कि दूसरे लोकों से देवता आए और उन्होंने इस धरती पर बहुत से काम किए। क्या हमारे सभी देवता धरती से अलग किसी अन्य लोक के हैं?

loksabha election banner

प्रश्न : मैंने कहीं कुछ ऐसे विचारों के बारे में पढ़ा है कि सभी देवता ‘एलिएन्स’ यानी किसी दूसरे ग्रह के प्राणी हैं। उनके पास बहुत सारी तकनीक और यंत्र हैं। सद्‌गुरु, आपका क्या कहना है इस बारे में?

सद्‌गुरु : मुझे पता है कि इस दुनिया में विचार ही विचार हैं, तरह-तरह के मत हैं। इस धरती पर घटित किसी भी घटना के बारे में अगर आप व्याख्या नहीं कर पाते, तो उसके बारे में आप एक शानदार कहानी गढ़ देते हैं।

मानसरोवर और कैलाश की यात्रा करने के बाद मैं इससे पूरी तरह इन्कार नहीं कर सकता। कुछ जीवंत अनुभवों की वजह से मैं इसे पूरी तरह नकार नहीं रहा।आप जो कह रही हैं, उसकी संभावना से मैं पूरी तरह इन्कार नहीं कर रहा हूं, लेकिन मुझे लगता है कि इसका पंचानवे फीसदी हिस्सा महज कल्पना है। इसमें बस पांच फीसदी ही सच हो सकता है। मानसरोवर और कैलाश की यात्रा करने के बाद मैं इससे पूरी तरह इन्कार नहीं कर सकता। कुछ जीवंत अनुभवों की वजह से मैं इसे पूरी तरह नकार नहीं रहा। लेकिन हमारे यहां प्राचीन काल से यह समस्या चली आ रही है कि अगर आप किसी चीज की व्याख्या नहीं कर सकते तो आप कह देते हैं कि किसी दूसरे ग्रह से आए प्राणी ने ऐसा किया होगा। हो सकता है कि ऐसी बातों में थोड़ी-बहुत सच्चाई हो, लेकिन जब तक किसी ग्रह से आया कोई प्राणी आपके सामने आकर आपको हेलो न कह दे, तब तक ऐसी काल्पनिक कहानियों से दूरी बनाना ही ठीक होगा।

उन्हें मारने की जरुरत नहीं है

मुझे पता है कि आप हॉलीवुड की फिल्में देखते हैं। इन फिल्मों से आपको पता चलता है कि वे लोग आप पर हमला करने आने वाले हैं। ऐसे में आपको भी उन प्राणियों से लडऩे के लिए तैयारी करनी है।

अगर दूसरे ग्रह का कोई प्राणी आता है तो यह तो अच्छी बात है। हमारी जिंदगी में कोई नई चीज आई। ऐसे काल्पनिक विचारों को आपके दिमाग में भरकर कोई पैसा कमा रहा है और आप ऐसी फिल्मों को कामयाब बना रहे हैं! मुझे पता है कि आप ऐसी फिल्में मस्ती के लिए देखते हैं, लेकिन आप ही नहीं छोटे-छोटे बच्चे भी ऐसा मानकर चल रहे हैं कि अगर दूसरे ग्रह के प्राणी यहां आ गए तो सबसे पहले हमें उन्हें गोली मार देनी चाहिए। मुझे ऐसा नहीं लगता। अगर दूसरे ग्रह का कोई प्राणी आता है तो यह तो अच्छी बात है। हमारी जिंदगी में कोई नई चीज आई। सोचिए कितनी गपशप करने का मौका होगा। आप अपनी बातें उन्हें बताएंगे और वे अपनी बातें आपसे साझा करेंगे। देखते ही उन्हें गोली मार देने की सोच को हमें अपने अंदर से निकाल देनी चाहिए।

क्या हमारे देवता दूसरे ग्रह या लोक से आए हैं

कैलाश मंदिर

कैलाश जैसे महान मंदिर हमने बनाए हैं

खैर, आप यह कहना चाहते हैं कि उन्होंने यहां आकर बहुत कुछ बनाया। वे यहां आए और उन्होंने पिरामिड बना दिए। उन्होंने मायन सभ्यता से जुड़ा मंदिर बना दिया, भारत में कैलाश मंदिर भी वे ही बना गए। और आपको लगता है यह सब जारी है।

जब मैं वहां गया तो मेरी आंखें भर आईं। ऐसी कितनी ही चीजें इंसान कर रहा है जिन पर हमें शर्म आती है, लेकिन इंसान ने ऐसे भी काम किए हैं, जिनपर हमें गर्व महसूस होता है। भारत में जो कैलाश मंदिर है, उसे बनाया नहीं गया, इसे पर्वतों की चोटी से नीचे की ओर काटकर निर्मित किया गया है। लोगों ने चालीस लाख टन चट्टान को काटकर निकाला और इस तीन-मंजिले मंदिर का निर्माण कर दिया और उस पर नक्काशी भी कर दी। किसी भी मूर्तिकार के लिए ऐसा कर पाना बहुत मुश्किल काम है। यह ऐसा असाधारण काम है जो इंसान ने इस धरती पर किया है। मैं इसका श्रेय दूसरे ग्रह से आए प्राणियों को नहीं देना चाहता। जब पहली बार मैं कैलाश मंदिर गया तो मुझे इंसान होने पर गर्व महसूस हुआ, क्योंकि चार पीढिय़ों के लोगों ने एक ही योजना पर एक सौ पैंतीस सालों तक काम किया और इस काम को करने में उन्होंने केवल हथौड़े और छेनी का इस्तेमाल किया। चालीस लाख टन की चट्टान को वहां से हटाया गया और तब जाकर इस मंदिर का निर्माण हुआ।

इंजीनियरिंग और शिल्प का यह एक ऐसा असाधारण नमूना है जिसे इंसान ने बनाया है। जब मैं वहां गया तो मेरी आंखें भर आईं। ऐसी कितनी ही चीजें इंसान कर रहा है जिन पर हमें शर्म आती है, लेकिन इंसान ने ऐसे भी काम किए हैं, जिनपर हमें गर्व महसूस होता है। इसका श्रेय मैं दूसरे ग्रह के लोगों को तो नहीं दे सकता।

लोगों के असाधारण कामों पर दुनिया ध्यान नहीं देती

इंसान हमेशा से असाधारण काम करता रहा है, लेकिन उसे कभी मीडिया में नहीं दिखाया गया। मीडिया का ध्यान सिर्फ उन लोगों ने खींचा जो खराब काम कर रहे थे। आज भी तो ऐसा ही है।

क्या हम यहां कोई ऐसा काम कर रहे हैं जिसे अगर आने वाली पीढिय़ां देखें तो कहें कि वाह इक्कीसवीं सदी के लोगों ने क्या शानदार काम किया! आज भी अगर आप मीडिया का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं तो आपको कुछ न कुछ गंदा काम करना होगा। आज कीजिए और कल आप पूरी दुनिया की मीडिया में छा जाएंगे। अगर आप कुछ अच्छा करना चाहते हैं तो आपको पूरी जिंदगी करते रहना होगा। हो सकता है तब भी कोई उस पर ध्यान न दे। प्रेस ने बुरे काम करने वालों पर तो ध्यान दिया, लेकिन असाधारण काम करने वाले उसका ध्यान नहीं खींच पाए। शायद यही वजह है कि जब भी हमें कोई असाधारण काम नजर आता है तो हम कह देते हैं कि उसे किसी दूसरे ग्रह से आए प्राणियों ने किया होगा।

इससे फर्क नहीं पड़ता कि उस काम को किसने किया। दूसरे ग्रह के प्राणियों ने किया या इंसानों ने किया, एक पीढ़ी के रूप में हम जो कर रहे हैं, वह महत्वपूर्ण है। क्या हम यहां कोई ऐसा काम कर रहे हैं जिसे अगर आने वाली पीढिय़ां देखें तो कहें कि वाह इक्कीसवीं सदी के लोगों ने क्या शानदार काम किया! कोई ऐसा काम, जो उन्हें इंसान होने पर गर्व का अहसास कराए, न कि शर्मिंदा करे। हमें ऐसा ही कुछ करना चाहिए।

सद्‌गुरु


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.