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ढाई सौ मीटर दायरे में बसेगी नई केदारपुरी

राज्य सरकार मंदाकिनी व सरस्वती के बीच केदारनाथ मंदिर वाले क्षेत्र में स्थित दो हेक्टेयर भूमि में नई केदारपुरी को बसाएगी। इसमें सात सौ अधिक लोगों के लिए भवनों को बनाया जाएगा। साथ ही आपदा में बचे सुरक्षित भवनों को भी नहीं तोड़ा जाएगा। इसके तहत आगामी एक नवंबर से केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा,

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 09 Oct 2014 04:38 PM (IST)Updated: Thu, 09 Oct 2014 04:55 PM (IST)

रुद्रप्रयाग। राज्य सरकार मंदाकिनी व सरस्वती के बीच केदारनाथ मंदिर वाले क्षेत्र में स्थित दो हेक्टेयर भूमि में नई केदारपुरी को बसाएगी। इसमें सात सौ अधिक लोगों के लिए भवनों को बनाया जाएगा। साथ ही आपदा में बचे सुरक्षित भवनों को भी नहीं तोड़ा जाएगा। इसके तहत आगामी एक नवंबर से केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा, जो शीतकाल में भी 31 दिसंबर तक जारी रहेगा।

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केदारपुरी को तीर्थपुरोहितों के इच्छानुसार बसाने के मुख्यमंत्री हरीश रावत की घोषणा के बाद अब केदारनाथ को बसाने के लिए सरकार ने अपने रुख में भी बदलाव कर दिया है। जहां पहले मंदिर के आस-पास दौ सौ मीटर दायरे मे कोई भी निर्माण न होने की बात कही जा रही थी, वहीं अब सरकार मंदिर क्षेत्र में ढाई सौ मीटर लंबे व डेढ़ सौ मीटर चौड़े क्षेत्र की दो हेक्टेयर भूमि में ही नई केदारपुरी को बसाने की बात कह रही है।

हालांकि केदारपुरी को बसाने के लिए जो नक्शा होगा, उसमें मंदिर से ढाई सौ मीटर सीधा आगे पुल तक बीस मीटर चौड़े क्षेत्र में कोई भी निर्माण नहीं होगा। अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने बुधवार को गुप्तकाशी पहुंचकर वहां तीर्थपुरोहितों के साथ बैठक कर सरकार के उनके विचार जाने। इस मौके पर राकेश शर्मा ने कहा कि मंदाकिनी व सरस्वती नदी के बीच के हिस्से में मंदिर भी हैं। यहां पर 110 नाली भूमि उपलब्ध हैं। इस भूमि पर नई केदारपुरी को बसाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि आपदा से पहले केदारनाथ में 330 भवन थे, जिसमें 735 परिवार हक्क हकूकधारी थे। इन सभी को इस भूमि पर बसाया जाएगा। जो बच जाएंगे उन्हें केदारनाथ बेस कैंप या इसके आस पास सहमति के आधार पर बसाया जाएगा। आपदा में बचे सुरक्षित भवनों पर उन्होंने कहा कि इसकी रिपोर्ट मंगाई जाएगी। यदि भवन सुरक्षित स्थिति में होंगे तो उन्हें नहीं हटाया जाएगा। एसीएस ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार तीर्थपुरोहितों की सहमति के आधार पर ही नई केदारपुरी बसाई जाएगी। आगामी नवंबर से पुनर्निर्माण का कार्य भी शुरू हो जाएगा। एसीएस ने कहा कि सरकार केदरनाथ के तीर्थपुरोहितों को निशुल्क भूमि के साथ ही भवन निर्माण करके भी देगी। जो आपदा में भूमि तबाह हुई है, उसका बाजारी मूल्य के हिसाब से मुआवजा भी देगी। केदारनाथ में जिन तीर्थ पुरोहितों के नाम भूमि थी उनके नाम रजिस्ट्री की जाएगी। इसके लिए जिलाधिकारी को अतिरिक्त पावर दी गई है। साथ ही मई माह में लिनचोली से केदारनाथ तक रोपवे काम करना शुरू हो जाएगा। इस मौके पर विधायक शैला रानी रावत ने कहा कि सरकार ने तीर्थ पुरोहितों के हितों को देखते ही निर्णय ले रही है। शीघ्र नई केदारपुरी सरकार व तीर्थ पुरोहितों के सहयोग से बसा दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि शीघ्र बैठक कर तीर्थ पुरोहितों की परामर्श समिति का गठन होगा। यह समिति सरकार से लगातार संपर्क कर नई केदारपुरी बसाने के लिए कार्य करेगी। इस मौके पर तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, शंकर बगवाड़ी, महेश बगवाड़ी, केशव तिवारी, सचिव अमित नेगी व भाष्करानंद जोशी, जिलाधिकारी राघव लंगर समेत बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित मौजूद थे। तीर्थ पुरोहितों के हितों को देखते ही निर्णय ले रही है। शीघ्र नई केदारपुरी सरकार व तीर्थ पुरोहितों के सहयोग से बसा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शीघ्र बैठक कर तीर्थ पुरोहितों की परामर्श समिति का गठन होगा। यह समिति सरकार से लगातार संपर्क कर नई केदारपुरी बसाने के लिए कार्य करेगी। इस मौके पर तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, शंकर बगवाड़ी, महेश बगवाड़ी, केशव तिवारी, सचिव अमित नेगी व भाष्करानंद जोशी, जिलाधिकारी राघव लंगर समेत बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित मौजूद थे।


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