घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए सुबह बिस्तर छोड़ते समय जरूर करें ये काम
यहां जानिए रोज सुबह कौन-कौन से परंपरागत काम करने घर में देवी लक्ष्मी के साथ ही सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
जीवनचर्या दिनचर्या का शुभारंभ सूर्योदय से होता है। सूर्य प्रत्यक्ष ब्रह्ममूर्त है। सूर्य सृष्टि के आत्मा ग्रह है। चन्द्रमा सृष्टि में मन का कारक है। पृथ्वी सृष्टि में सभी प्राणियों की जननी है। यह सृष्टि जिससे उत्पन्न हुई जिससे पलती है पोषित होती है जिससे इसका संहार होता है, इन तीनों नियमक तत्वों का मानव जीवन में प्रथम स्थान है।
घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए पुराने समय से ही कुछ परंपराएं चली आ रही हैं। इन परंपराओं का ध्यान आज भी रखा जाए तो सकारात्मक फल प्राप्त किए जा सकते हैं। यहां जानिए रोज सुबह कौन-कौन से परंपरागत काम करने घर में देवी लक्ष्मी के साथ ही सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त की जा सकती है। सुबह उठते ही अपनी हथेली देखनी चाहिए, मान्यता यह है कि इस काम से महालक्ष्मी, सरस्वती के साथ ही भगवान विष्णु की भी कृपा मिलती है। सुबह पलंग से पैर नीचे रखने से पहले भूमि को प्रणाम करना चाहिए। साथ ही, क्षमा भी मांगे, क्योंकि धरती पर पैर रखने से हमें दोष लगता है।
शय्या पर प्रात:काल निद्रा खुलते ही श्रीहरि तत्सत् या ईष्ट देवता का स्मरण करना चाहिए। हथेली को देखते हुए उंगली के अग्रभाग में लक्ष्मी, हथेली के मध्य में सरस्वती और मणिबंध में ब्रह्मा का दर्शन करके प्रणाम करना चाहिए। बिस्तर से उतरने के पूर्व या तत्काल बाद दाहिनी हथेली से पृथ्वी का स्पर्श करते हुए प्रणाम करना चाहिए। हे विष्णुपत्नी पृथ्वी माता, समुद्र आपके वस्त्र हैं, पर्वत आपके स्तनमंडल हैं, जननी, आपको प्रणाम है। मेरे द्वारा पैरों से स्पर्श करने के कृत्य को क्षमा करें मां। बिस्तर पर से उठ कर पृथ्वी मां को प्रणाम करने के तत्काल बाद मल-मूत्र का विसर्जन करना चाहिए। मल, मूत्र, छींक, उबासी, खांसी में एक प्रकार का वेग होता है। शरीर के भीतर स्थित वेग को रोकना हानिकारक होता है। अत: शरीर से इन्हें शीघ्र बाहर निकाल देना चाहिए या निकल जाने देना चाहिए।
घर के मंदिर में मूर्तियां और पूजा का सामान सही ढंग से सजा हुआ होना चाहिए। इससे देवी देवता प्रसन्न होते हैं, कुंडली के दोष भी शांत हो सकते हैं। रोज सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। इस उपाय से घर परिवार और समाज में मान सम्मान की प्राप्ति होती है और सूर्य से संबंधित दोष दूर होते हैं। रोज सुबह जब भी रोटी बने तो पहली रोटी गाय के लिए निकाल लेनी चाहिए। जब हमारे घर के आसपास गाय आए तो उसे ये रोटी खाने को दें।