बाबा गुरुदेव की मौत का सच क्या?
बाबा जय गुरुदेव की मृत्यु की सत्यता जानने के लिए हाईकोर्ट का एक आदेश लेकर आए सैकड़ों लोगों का जमावड़ा पुलिस-प्रशासन के लिए सांसत का कारण बना गया है। करीब दस दिन से उनके अनुयाई जवाहर बाग से हटने का नाम ही नहीं ले रहे। इससे धारा 144 की धज्जियां उड़ रही हैं। स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह का खुद को सदस्य बताने वाले
मथुरा। बाबा जय गुरुदेव की मृत्यु की सत्यता जानने के लिए हाईकोर्ट का एक आदेश लेकर आए सैकड़ों लोगों का जमावड़ा पुलिस-प्रशासन के लिए सांसत का कारण बना गया है। करीब दस दिन से उनके अनुयाई जवाहर बाग से हटने का नाम ही नहीं ले रहे। इससे धारा 144 की धज्जियां उड़ रही हैं।
स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह का खुद को सदस्य बताने वाले इन लोगों के आंदोलन के चलते प्रशासन की नाक में दम है। जवाहर बाग में धरना दे रहे लोगों ने सोमवार को सिटी मजिस्ट्रेट, एसएसपी और सीओ सिटी को यह कहकर लौटा दिया कि उसका मृत्यु प्रमाण पत्र लाओ, जिसकी मृत्यु हुई थी। बाबा जय गुरुदेव के कई परिचय पत्र दिखाए जा रहे हैं। उन्होंने डीएम का हस्ताक्षर युक्त प्रमाण पत्र मांगा। उनके तर्को से निरुत्तर हुए अधिकारी इसके बाद बैरंग लौट आए। पालिका ने बनाया प्रमाण पत्र-बाबा जय गुरुदेव की मृत्यु के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र मांगे जाने का कोई आवेदन पालिका रिकॉर्ड में नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, रविवार के अवकाश में प्रशासन के एक अधिकारी ने 18 मई 2012 की तिथि पर प्रमाण पत्र बनवाया है।
पालिका के क्रमांक संख्या 737 पर दर्ज स्वामी तुलसी दास उर्फ जय गुरुदेव महाराज के नाम से मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया गया है। जानकारों के अनुसार मृत्यु प्रमाण पत्र उसी क्षेत्र के निकाय से बनता है, जहां मृत्यु हुई है, जबकि बाबा जय गुरुदेव का देहावसान गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में हुआ और दाह संस्कार महोली क्षेत्र में, जो पालिका क्षेत्र में नहीं आता।
जवाहरबाग में विधिक सत्याग्रह करने वालों से वार्ता करते सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार प्रजापति, एसपी सिटी मनोज सोनकर, सीओ सिटी अनिल कुमार यादव व अन्य।''हमने इन लोगों की मांग जिलाधिकारी के संज्ञान में डाल दी है। उनके आदेशानुसार कार्रवाई की जाएगी।''
राजेश कुमार प्रजापति, सिटी मजिस्ट्रेट
ये है मामला-गाजीपुर निवासी रामवृक्ष यादव ने कहा है कि बाबा जय गुरुदेव की पहचान प्रशासन बताए। दरअसल, हाईकोर्ट ने मथुरा जिला प्रशासन से बाबा जय गुरुदेव की मृत्यु का प्रमाण पत्र मांगा है। मथुरा ही नहीं, बरेली, तिहाड़, आगरा और बेंगलुरू कारागार प्रशासन से भी अभिलेख मांगे गए हैं। बाबा जय गुरुदेव मीसा में 21 महीने इन जेलों में रहे थे।