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विंध्य धाम व बांके बिहारी मंदिर होंगे सरकार के अधीन

राज्य सरकार दो प्रसिद्ध मंदिरों को अपने नियंत्रण में लेने जा रही है। मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने और मंदिरों का रखरखाव करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। इन धार्मिक स्थलों में 51 शक्तिपीठों में शामिल मीरजापुर का विंध्यवासिनी देवी मंदिर और मथुरा का

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2015 01:39 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2015 01:44 PM (IST)
विंध्य धाम व बांके बिहारी मंदिर होंगे सरकार के अधीन

लखनऊ। राज्य सरकार दो प्रसिद्ध मंदिरों को अपने नियंत्रण में लेने जा रही है। मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने और मंदिरों का रखरखाव करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। इन धार्मिक स्थलों में 51 शक्तिपीठों में शामिल मीरजापुर का विंध्यवासिनी देवी मंदिर और मथुरा का बांकेबिहारी मंदिर में सरकारी रिसीवर नियुक्त करने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है

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। इन मंदिरों को सरकारी नियंत्रण में लेने के लिए प्रस्ताव कई चरणों से होता हुआ अब कैबिनेट की मंजूरी के लिए तैयार है। पहली दिसंबर को प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक में संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। नियंत्रण में आने के बाद चढ़ावे से लेकर सभी तरह के लेखा-जोखा पर सरकार की निगाहें रहेंगी और मंदिरों के पुजारियों को सरकार की तरफ से ही मानदेय दिया जाएगा।

अभी तक वाराणसी का श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर ही सरकार के नियंत्रण में है। इन दोनों मंदिरों को सरकारी नियंत्रण में लेने की लंबे समय से प्रक्रिया चल रही है। धर्मार्थ कार्य विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि विंध्यवासिनी देवी मंदिर और बांके बिहारी मंदिर को सरकारी नियंत्रण में लेने के प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। सरकार के नियंत्रण में आने के बाद सभी अधिकार सरकार द्वारा नियुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पास आ जाएंगे। चढ़ावा भी सरकारी कोष में जमा होगा तो पुजारियों का मानदेय भी सरकार देगी। मंदिर का रखरखाव भी सरकार करेगी। उन्होंने बताया कि अभी चढ़ावा पुजारियों में ही बंट जाता था और मंदिरों की सुविधाओं पर खर्च नहीं हो पाता था।


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