वाराणसी में कल्पवृक्ष की बड़ी शाखा टूटी
छावनी क्षेत्र में स्थित कल्प वृक्ष का एक बड़ा हिस्सा कल टूटकर गिर गया। सूचना पर आस्थावानों की भीड़ जुटी और वृक्ष के पुनर्जीवन के लिए लोगों ने प्रार्थना की। उल्लेखनीय है कि वन अधिकरियों ने जुलाई महीने में ही इसका केमिकल ट्रीटमेंट किया था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कल अचानक वृक्ष की ऊपरी मोटी शाखा गिरी और इसके दबाव से नीचे की शाखाएं भी टूट गईं।
वाराणसी। छावनी क्षेत्र में स्थित कल्प वृक्ष का एक बड़ा हिस्सा कल टूटकर गिर गया। सूचना पर आस्थावानों की भीड़ जुटी और वृक्ष के पुनर्जीवन के लिए लोगों ने प्रार्थना की। उल्लेखनीय है कि वन अधिकरियों ने जुलाई महीने में ही इसका केमिकल ट्रीटमेंट किया था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कल अचानक वृक्ष की ऊपरी मोटी शाखा गिरी और इसके दबाव से नीचे की शाखाएं भी टूट गईं। अब आधा वृक्ष शेष बचा है। ज्ञात हो कि कल्पवृक्ष संरक्षण के लिए वन विभाग ने जुलाई के प्रथम सप्ताह में इसका केमिकल ट्रीटमेंट किया था।
कैसे हुआ था ट्रीटमेंट
विशालकाय कल्पवृक्ष पर दवाओं का छिड़काव हाइड्रोलिक मशीन की से किया गया था। उस दौरान अधिकारियों ने संक्त्रमित डाल के छोटे छिद्रों में दवा डालकर रुई से बंद किया था, बड़े छिद्रों में दवा डालकर काली प्लास्टिक से ढका था। दवाओं में जोश, कारवेंडाजिन, मैनकोजेब, डब्ल्यूपी, सीएम 75, इम्डाक्लोत्रिड आदि का इस्तेमाल किया था। वही शाखा टूट गई है।
ट्रीटमेंट के मौके पर अफसर
कल्पवृक्ष के ट्रीटमेंट के समय वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी उपस्थित रहे। इनमें डीएफओ सीएम त्रिपाठी, क्षेत्रीय वन अधिकारी वाराणसी मनमोहन मिश्र, क्षेत्रीय वन अधिकारी काशी आजम खां, रेंजर योगेंद्र अग्रवाल, छावनी परिषद के तत्कालीन मुख्य अधिशासी अधिकारी जेवी सिंह कल्पवृक्ष स्थल पर थे।
जर्जर डालियों को छांटने पर मंथन
खास यह कि दवाओं का छिड़काव करने के बाद वन अधिकारियों व छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी जेवी सिंह ने पेड़ की डालियों को छांटने पर भी मंथन किया गया था। भारी व जर्जर डालों को छांट देने का निर्णय लिया गया था लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
वन विभाग फिर करेगा प्रयास
डीएफओ सीएम त्रिपाठी ने कहा कि वृक्ष को संरक्षित करने का फिर प्रयास होगा। जर्जर शाखाओं को छांटने के साथ ही जो शाखाएं टूट गई हैं, उनका भी केमिकल ट्रीटमेंट किया जाएगा, छंटाई की जाएगी।