त्रिकाल भवंता ने जीवित समाधि लेने का प्रयास किया था
भू-समाधि लेने का प्रयास करने वाली त्रिकाल भवंता की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस उनका पुराना रिकॉर्ड निकालने में लग गई है।
उज्जैन। अपनी मांग पूरी नहीं होने पर मंगलवार को भू-समाधि लेने का प्रयास करने वाली त्रिकाल भवंता की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस उनका पुराना रिकॉर्ड निकालने में लग गई है। इसके लिए पुलिस ने इलाहाबाद पुलिस से संपर्क किया है।
परी अखाड़ा प्रमुख त्रिकाल भवंता पिछले कई दिनों से अखाड़े में व्यवस्थाएं न होने से नाराज चल रही थीं। इसके बाद उन्होंने अन्न-जल त्याग दिया था जिस पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। इसके बाद मंगलवार को त्रिकाल भवंता ने जीवित समाधि लेने का प्रयास किया था।
उस समय पुलिस ने थोड़ी सख्ती व मनुहार कर उन्हें गड्ढे से बाहर निकाल लिया था। इसके बाद बुधवार को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में आत्महत्या के प्रयास के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया। अब पुलिस त्रिकाल भवंता का पुराना रिकॉॅर्ड निकालने में जुट गई है।
सूत्रों के अनुसार इसके लिए पुलिस ने इलाहाबाद पुलिस से संपर्क किया है। गुस्र्वार शाम या शुक्रवार दोपहर तक त्रिकाल भवंता का रिकॉर्ड पुलिस को मिल जाएगा। एसपी एमएस वर्मा के अनुसार त्रिकाल भवंता के मामले में रिकॉर्ड कलेक्ट कर रहे हैं। अभी ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता।
कैसे बनी त्रिकाल भवंता
त्रिकाल भवंता मूलत: उप्र के मिर्जापुर जिले की निवासी हैं। वे इलाहबाद में रहती हैं। उनका मूल नाम अनिता शर्मा है और पति का नाम सीताराम है। सूत्रों के अनुसार 2013 में इलाहबाद में उन्होंने परी अखाड़े के लिए पूजन किया था। उस समय उन्हें माईबाड़ा में रहने के लिए कहा गया था। इसके बाद 2015 में नासिक में उन्होंने परी अखाड़े की घोषणा की।
पूर्व अध्यक्ष से हुआ था विवाद
नासिक कुंभ में एक आयोजन में महाराष्ट्र के सीएम के सामने त्रिकाल भवंता का अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष ज्ञानदासजी से विवाद हुआ था। उस समय यह मामला मीडिया की सुर्खियां बना था।
एनजीओ है और चुनाव भी लड़ चुकी है
सूत्रों के अनुसार त्रिकाल भवंता उर्फ अनिता एक एनजीओ भी चलाती हैं। पूर्व में वे इलाहबाद दक्षिण से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं।