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एक रिश्ते की चोरी

अयोध्या से कुल्लू के लगभग साढ़े तीन सौ वर्ष पुराने संबंध का आधार चोरी हो गया। संपदा, संवेदना और संबंधों की इस चोरी में कुछ भी तो सुरक्षित नहीं है। सोलन की शूलिनी देवी.. सिरमौर के शिरगुल देवता... कुल्लू के रघुनाथ जी.. चोरों ने किसे बख्शा? जिस ढालपुर मैदान में

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 10 Dec 2014 04:24 PM (IST)Updated: Wed, 10 Dec 2014 04:28 PM (IST)
एक रिश्ते की चोरी

अयोध्या से कुल्लू के लगभग साढ़े तीन सौ वर्ष पुराने संबंध का आधार चोरी हो गया। संपदा, संवेदना और संबंधों की इस चोरी में कुछ भी तो सुरक्षित नहीं है। सोलन की शूलिनी देवी.. सिरमौर के शिरगुल देवता... कुल्लू के रघुनाथ जी.. चोरों ने किसे बख्शा? जिस ढालपुर मैदान में राजनीतिक सभाओं के दौरान सूचना एवं तकनीकी के विकास का मंत्रोच्चारण किया जाता है उसी के पड़ोस में कुल्लू के अधिष्ठाता देव रघुनाथ जी की मूर्ति उठा ली गई लेकिन दुखद यह है कि उसे तीसरी आंख नहीं देख पाई क्योंकि वह है ही नहीं।

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साथ में दो और मूर्तियां भी उठाई गई हैं। मंदिर की छत का तोड़ा जाना हमारे छीजते और कमजोर पड़ चुके सुरक्षा सरोकारों का उदाहरण है। देवभूमि में भी देवता सुरक्षित नहीं। सोने, चांदी के चढ़ावों के आंकड़े हाल में विधानसभा में भी गूंजे लेकिन देवता की सुरक्षा के लिए एक अदद क्लोज सर्किट टीवी कैमरा ही नहीं है। और अगर है भी तो परिसर के बाहर की निगरानी के लिए। उसकी भी कितनी फुटेज मिल पाती हैं यह बाद में पता चलेगा।

प्रदेश में पिछले वर्ष तक ही 66 से अधिक मंदिरों में चोरियां हुई हैं लेकिन सामग्री वापस मिलने की दर लगभग दस प्रतिशत ही है। घटना के बाद कुल्लू के बंद हुए बाजार में जो सन्नाटा है वह वास्तव में इस निंदनीय कृत्य के खिलाफ एक मुखर संवाद है। जो महिलाएं मंदिर में फूट-फूट कर रो रही हैं, उनके आंसू आस्था का सैलाब है। लेकिन नीति नियंताओं के स्तर पर आज तक मंदिरों की सुरक्षा के लिए क्या नीति बनाई गई, इस पर कोई बात नहीं करता।

भरमौर क्षेत्र में खोदाई के दौरान एक मूर्ति निकली थी। लोगों ने उसे अपनी संपदा मान कर सरकार को सौंपने से मना कर दिया। शासन और प्रशासन भी लोकप्रियता का अपना सूचकांक खराब नहीं करना चाहते थे इसलिए लोगों की बात मान ली गई। चढ़ावा चढऩे लगा लेकिन अंतत: वह मूर्ति भी चोरी हो गई। आज तक कोई पकड़ा नहीं गया। अब उस मूर्ति के लिए कहीं कोई टीस नहीं है। जो मंदिर सरकार के अधीन हैं, उनकी सुरक्षा फिर भी हो जाती है लेकिन बाकी स्थानों के लिए किसका दायित्व है। यह चोरी महज एक मूर्ति की चोरी नहीं है, यह एक मंदिर में चोरी नहीं है, यह प्रदेश के क्षरित होती कानून-व्यवस्था और गिरते सामाजिक मूल्यों का संकेत भी है। अफसोस यह है कि आज तक ऐसा तंत्र विकसित नहीं हो पाया जो पुरातात्विक महत्व की इस संपदा की रक्षा करे। जहां तक रघुनाथ जी की मूर्ति का सवाल है, क्या यहां क्लोज सर्किट टीवी कैमरों की जरूरत नहीं थी? करीब एक साल पहले इसी मंदिर से चांदी चुराई गई थी, उसकी जांच क्यों नहीं हुई? जिनका दायित्व था वे क्यों चूके? ये सवाल तीखे भले ही हों, जवाब ढूंढ़े जाने चाहिए।

घटना का पता चलते ही सुल्तानपुर की ओर दौड़े लोग-

अधिष्ठाता रघुनाथ की मूर्ति समेत अन्य मूर्तियां व सामान आदि चोरी होने की सूचना पूरे जिले में जंगल की आग की तरह फैल गई। इसके रोषस्वरूप कुल्लू शहर में मंगलवार को ढालपुर, सरवरी व अखाड़ा बाजार समेत आसपास के बाजारों में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। भगवान रघुनाथ पर आए संकट से हर कोई आहत है। मंदिर की छत तोडऩे के बाद चोरों ने सिलिंग तोड़ डाली। इसके बाद शातिरों ने मंदिर में प्रवेश किया और भगवान रघुनाथ की मूर्ति चोरी कर ली। इस मूर्ति के अलावा मंदिर से भगवान गणोश, नृसिंह व हनुमान की प्राचीन मूर्तियां भी गायब हैं। मंदिर से शालीग्राम को भी चोरों ने उड़ा लिया है।

वहीं पुलिस टीम सुबह से ही मंदिर में जुटी हुई है। मंडी से फोरेंसिक साईंस लैब की टीम भी यहां पहुंच गई है। धर्मशाला में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में व्यस्त रघुनाथ जी के छड़ीबरदार एवं कुल्लू सदर के विधायक महेश्वर सिंह भी कुल्लू पहुंच गए हैं। मंदिर में पहुंचते ही वे रो पड़े। उनका पूरा परिवार पहले से ही मंदिर में मौजूद था। मंदिर में पुलिस छानबीन चल रही है। इधर, कुल्लू शहर के कारोबारियों में ने कहा कि रघुनाथ पर आए इस संकट के कारण दुकानें बंद रखी गई हैं। इन कारोबारियों सहित अन्य लोगों की मांग है कि जल्द इस वारदात को अंजाम देने वालों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाए। जबकि एसपी कुल्लू सुरेंद्र वर्मा का कहना है कि मंदिर से क्या क्या चोरी हुआ है, इसकी छानबीन चल रही है।

करोड़ों लोगों को राम के चोरी होने की खबर जैसे ही पता चली तो हुजूम रघुनाथ की ओर बढ़ चला। स्थानीय दुकानदारों ने भी धड़ाधड़ व्यापारिक प्रतिष्ठानों के शटर बंद करके रघुनाथपुर का रुख किया। मंदिर परिसर में सैकड़ों महिलाओं ने भरी आंखों से सुंदरकांड का पाठ शुरू कर दिया। महिलाओं के मुंह से बार-बार यही शब्द निकल रहे थे, 'वापस आ जाओ हमारे रामÓ। इन महिलाओं ने कहा कि सुंदरकांड का पाठ करने से इस घिनौने कृत्य को अंजाम देने वालों का पर्दाफाश होगा। इधर, कुल्लू जिला के विभिन्न इलाकों सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से भी इस घटना को लेकर फोन की घंटियां घनघनाती रही। हालांकि सुबह से शाम तक छानबीन में जुटी पुलिस के हाथ अभी तक खाली ही हैं। रघुनाथ मंदिर में जुटे सैकड़ों भक्तों ने आइजी पीएल ठाकुर व एसपी सुरेंद्र वर्मा को कहा कि मंदिर के इर्द-गिर्द कई बार पुलिस गश्त बढ़ाने की गुहार लगाई गई।


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