सुप्रीम कोर्ट ने दी पद्मनाभ मंदिर की संपत्ति आकलन का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने पद्मनाभ मंदिर की संपत्ति के स्पेशल ऑडिट के आदेश दिए हैं। पूर्व कैग विनोद राय संपत्ति का स्पेशल ऑडिट करेंगे। इतना ही नहीं, कोर्ट ने मंदिर की तिजोरियों की चाभियां तिरुअनंतपुरम के जिला जज को सौंपने का आदेश दिया है। मंदिर की व्यवस्था सुधारने के लिए कोर्ट ने तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता म
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पद्मनाभ मंदिर की संपत्ति के स्पेशल ऑडिट के आदेश दिए हैं। पूर्व कैग विनोद राय संपत्ति का स्पेशल ऑडिट करेंगे। इतना ही नहीं, कोर्ट ने मंदिर की तिजोरियों की चाभियां तिरुअनंतपुरम के जिला जज को सौंपने का आदेश दिया है।
मंदिर की व्यवस्था सुधारने के लिए कोर्ट ने तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता में चार सदस्यीय प्रशासनिक समिति का भी गठन किया है। इस मंदिर को देश के सबसे धनी मंदिरों में माना जाता है। यहां के खजाने में एक लाख करोड़ की संपत्ति होने का अनुमान है। गुरुवार को कोर्ट ने ये आदेश मंदिर के हालात का दौरा कर लौटे वरिष्ठ अधिवक्ता न्यायमित्र गोपाल सुब्रमण्यम की रिपोर्ट देखने के बाद दिए।
सुब्रमण्यम ने मंदिर में भारी अव्यवस्था और गंदगी के अलावा खजाने की सुरक्षा को लेकर भी आशंका जताई थी। उन्होंने तत्काल कुछ अंतरिम आदेश देने का आग्रह किया था। मंदिर के ट्रस्टी राज परिवार के राम वर्मा और केरल सरकार की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी कर दिए।
न्यायमूर्ति आरएम लोढा और एके पटनायक की पीठ ने तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता में चार सदस्यीय प्रशासनिक समिति गठित की है, जो मंदिर की व्यवस्था व रोजाना का कामकाज देखेगी। जिला जज अगर हिंदू होंगे तभी समिति की अध्यक्षता करेंगे। ऐसा न होने पर उनके बाद का वरिष्ठतम अधिकारी अध्यक्ष होगा। समिति में केरल सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और गुरुवयूर मंदिर का कामकाज देख चुके सतीश कुमार भी होंगे। समिति में मुख्य तंत्री (पुजारी) और मुख्य नंबी भी सदस्य होंगे। मंदिर की तिजोरियों की चाभियां समिति के अध्यक्ष के पास रहेंगी। समिति मंदिर की व्यवस्था के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाने पर भी विचार करेगी। समिति मंदिर की सफाई और पवित्र कुंडों की सफाई का भी काम देखेगी। मंदिर के दान पात्रों में इकट्ठा होने वाली संपत्ति की हर सप्ताह जिला जज और बैंक अधिकारी की मौजूदगी में गिनती होगी। मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की सुविधाओं का ख्याल भी समिति ही रखेगी। हालांकि, जब मंदिर के ट्रस्टी की ओर से मौजूदा मंदिर प्रबंधन समिति को न हटाए जाने का आग्रह किया गया, तो पीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आपकी समिति पिछले एक साल से काम कर रही है और अपने काम में पूरी तरह नाकाम है। ऐसे में नाकाम लोगों को आगे काम कैसे करने दिया जा सकता है।