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यमुना सफाई को केंद्र उठाएगा तेज कदम

यमुना मुक्ति आंदोलन से नदी की सफाई को एक बार फिर उम्मीद जागी है। केंद्र सरकार यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए जल्द आगे बढ़ेगी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को यमुना आंदोलनकारियों से मुलाकात में इसके लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 17 Mar 2015 12:33 PM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2015 12:35 PM (IST)
यमुना सफाई को केंद्र उठाएगा तेज कदम

नई दिल्ली। यमुना मुक्ति आंदोलन से नदी की सफाई को एक बार फिर उम्मीद जागी है। केंद्र सरकार यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए जल्द आगे बढ़ेगी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को यमुना आंदोलनकारियों से मुलाकात में इसके लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई।

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वह मामले पर मंगलवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विस्तृत वार्ता करेंगे। उन्होंने बताया कि यमुना सफाई को लेकर प्रधानमंत्री खुद गंभीर हैं। इससे पहले सोमवार को आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर, केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती और मथुरा की सांसद हेमा मालिनी भी सत्याग्रह स्थल पर पहुंचीं।

केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने जंतर-मंतर के सत्याग्रह स्थल पर पहुंचकर भक्तों को आश्वस्त किया कि यमुना में कल-कारखानों का मलबा गिरने से रोकने के लिए ठोस योजना तैयार की जाएगी, फिर उसे जल्द से जल्द अमल में लाया जाएगा। हथिनीकुंड से पर्याप्त मात्रा में पानी छोडऩे और नालों का पानी गिरने से रोकने के लिए यमुना किनारे समानांतर नाला बनाने की योजना पर भी गंभीरतापूर्वक विचार का आश्वासन दिया।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व- यमुना रक्षक दल के अध्यक्ष संत जयकृष्ण दास ने किया। वैसे जंतर-मंतर पर तीसरे दिन भी यमुना भक्तों का सत्याग्रह जारी रहा। परंतु जावड़ेकर से मुलाकात के बाद आंदोलन को स्थगित करने के लिए सहमति बनी। जयकृष्ण दास ने जागरण को बताया कि यमुना में कारखानों का कचरा रोकने के लिए केंद्र योजना बना रहा है। प्रदूषण रोकने के लिए होने वाले प्रयासों की मासिक रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाएगी। हम केंद्रीय मंत्री की बातों से संतुष्ट हैं। मोदी से मुलाकात में अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हो जाएगी। लिहाजा, आंदोलन स्थगित कर दिया है।

ये हैं मांगें- यमुना की सफाई, नालों का पानी नदी में गिरने से रोकने के लिए उसके किनारे नालों का निर्माण और हरियाणा स्थित हथिनीकुंड बैराज से यमुना में पर्याप्त पानी छोडऩे की मांग को लेकर किसानों, यमुना भक्तों व साधु-संतों का दल 12 मार्च को हरियाणा के बल्लभगढ़ से पैदल चलकर रविवार को जंतर-मंतर पहुंचा। उनका नेतृत्व यमुना रक्षक दल कर रहा है। दल की मांग है कि वजीराबाद से ओखला तक समानांतर नाला बनाने के साथ यमुना वाहिनी का गठन किया जाए। दल के कार्यकर्ता शनिवार से ही जंतर-मंतर पर सत्याग्रह पर बैठ गए थे।

जावड़ेकर का आश्वासन- कारखानों का मलबा यमुना में गिरने से रोकने को उठाए जाएंगे ठोस कदम।

-हथिनीकुंड से पर्याप्त जल छोडऩे को जल मंत्रालय से समन्वय होगा।

- यमुना के समानांतर नाला बनाने की योजना पर भी होगा विचार।

- केंद्र की ओर से उठाए जाने वाले कदमों की मासिक रिपोर्ट जारी होगी।

खत्म नहीं हुई अभी सरकार की मुश्किल- यमुना मुक्ति को लेकर केंद्र की मुश्किल अभी खत्म नहीं हुई है। इसकी वजह है कि अबकी एक साथ दो आंदोलन चल रहे हैं। संत जयकृष्ण दास के नेतृत्व में यमुना रक्षक दल का जंतर-मंतर पर 14 मार्च से धरना शुरू हुआ था। यह केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की आंदोलनकारियों से बात के बाद स्थगित हो गया। वहीं संत रमेश बाबा के नेतृत्व में यमुना मुक्तिकरण अभियान की पदयात्रा अभी दिल्ली की ओर बढ़ रही है। केंद्र की ओर से जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने सोमवार को हरियाणा में होडल के पास बंचारी पहुंचकर उन्हें मनाने की कोशिश की परंतु सफल न हुईं। रमेश बाबा की यात्रा में बड़ी संख्या में आंदोलनकारी हैं। हालांकि बाबा स्वयं ब्रज की सीमा से आगे नहीं बढ़ते इसलिए वह सोमवार को बरसाना लौट गए।


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