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उज्जैन में सिंहस्थ के दौरान कैमरे ही पहचानेंगे अपराधियों को

अगले साल उज्जैन में सिंहस्थ के दौरान गुमशुदा, अपराधियों और संदिग्धों का चेहरा पहचान सकने वाले विशेष कैमरे लगाए जाएंगे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2015 11:09 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2015 01:16 PM (IST)
उज्जैन में सिंहस्थ के दौरान कैमरे ही पहचानेंगे अपराधियों को

भाेपाल । अगले साल उज्जैन में सिंहस्थ के दौरान गुमशुदा, अपराधियों और संदिग्धों का चेहरा पहचान सकने वाले विशेष कैमरे लगाए जाएंगे। ऐसा कोई भी चेहरा मिलने पर ये कैमरे तुरंत कंट्रोल रूम को अलर्ट देंगे। बाद में इनका उपयोग इंदौर या भोपाल जैसे बड़े शहरों में में अपराधों पर नियंत्रण करने के लिए किए जाने के आसार हैं।

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राजधानी समेत 11 शहरों को सेफ सिटी बनाने की योजना में यह काम होगा। मप्र पुलिस के इस अहम प्रोजेक्ट के तहत भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, देवास, सागर, कटनी, सिंगरौली, खंडवा और ओंकारेश्वर में इंटीग्रेटेड सिटी सर्विलांस सिस्टम तैयार किया जाना है।

इनमें 823 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। हर शहर का अपना कंट्रोल रूम होगा। इनकी मदद और मॉनीटरिंग के लिए राज्य स्तर का कंट्रोल रूम भोपाल में खोला जाएगा। डायल 100 को भी इससे जोड़ने की तैयारी है। भोपाल में 153 जगह राजधानी में 153 स्थानों पर कैमरे लगाए जाएंगे।

इसमें न्यू मार्केट में टॉप एन टाउन, कमला नेहरू चौराहा, जीटीबी कॉम्पलेक्स, सेकंड, स्टॉप, 1250 चौराहा, कोटरा, पीएंडटी चौराहा, खटलापुर रोड पर सुसाइड पॉइंट, बिड़ला मंदिर के सामने जैसे व्यस्त और संवेदनशील क्षेत्र शामिल हैं। तुरंत देगा अलर्ट सिस्टम में आरटीओ में दर्ज वाहनों का रिकॉर्ड, गाड़ी, लायसेंस और उसका रजिस्ट्रेशन नंबर रहेगा।

ऐसे में किसी भी चौराहे पर कैमरा कोई संदिग्ध, चोरी या अपराध कर भागा वाहन देखते ही अलर्ट जारी करेगा। यह उस शहर के कंट्रोल रूम को मिलेगा। इस पर पुलिस तुरंत कार्रवाई कर सकेगी। अपराधी की खास पहचान सिंहस्थ के मद्देनजर उज्जैन में यह सिस्टम सबसे पहले लागू किया जाएगा।

वहां अपराधियों और संदिग्धों का चेहरा पहचान सकने वाले दस कैमरे लगाए जाएंगे। इन्हें शहर में आने वाले प्रमुख मार्गों पर लगाया जाएगा। इन कैमरों के लिए डिजीटल इमेज, पुराने वीडियो और अपराधियों की खास पहचान, टैटू जैसी जानकारी भी मुहैया कराई जाएगी।

छह महीने में होगा काम फिलहाल सभी 11 शहरों में यह सिस्टम तैयार करने के लिए कंपनी चुनने की प्रक्रिया चल रही है। दो महीने में यह पूरी होने की संभावना है। कंपनी को छह महीने में सिस्टम चालू करना होगा। साथ ही तीन साल तक इसका रखरखाव करना होगा।

इनका कहना है

जल्द चुनी जाएगी कंपनी 11 शहरों को सेफ सिटी बनाने के लिए कंपनियों से ऑफर बुलाए हैं। जल्द कंपनी चुनी जाएगी।

आरए चौबे, एसएसपी, रेडियो


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