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परमात्मा से जुड़ने का सबसे श्रेष्ठ समय है चातुर्मास

मनुष्य जन्म अच्छे कर्मों के लिए मिला है। समय को गंवाओ मत। चातुर्मास सर्वेश्रेष्ठ समय है। ये चार माह ज्ञान, ध्यान, चरित्र और तप के लिए होते हैं। परमात्मा से जुड़ने का यही सबसे श्रेष्ठ समय है। यह बात साध्वी डॉ. सुरेखाश्री ने आयोजित धर्मसभा में कही।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2015 11:19 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2015 11:56 AM (IST)
परमात्मा से जुड़ने का सबसे श्रेष्ठ समय है चातुर्मास

इंदौर। मनुष्य जन्म अच्छे कर्मों के लिए मिला है। समय को गंवाओ मत। चातुर्मास सर्वेश्रेष्ठ समय है। ये चार माह ज्ञान, ध्यान, चरित्र और तप के लिए होते हैं। परमात्मा से जुड़ने का यही सबसे श्रेष्ठ समय है। यह बात साध्वी डॉ. सुरेखाश्री ने आयोजित धर्मसभा में कही।

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उन्होंने कहा कि देवशयनी एकादशी का मतलब है कि हम सांसारिक कार्यों से मुक्त होकर ईश्वर की आराधना में जुट जाएं। धर्म कार्य के लिए यही श्रेष्ठ समय है। जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ श्रीसंघ के अध्यक्ष डूंगरचंद हुंडिया, प्रचार सचिव योगेंद्र सांड सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। इससे पूर्व नया मंदिर मोरसली गली से मंगल प्रवेश जुलूस निकाला गया।


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