अर्धकुंभ में नहीं हो पाएगा हरकी पैड़ी का विस्तार
हरकी पैड़ी की महत्वाकांक्षी विस्तारीकरण योजना तमाम कवायद के बाद भी फाइलों से बाहर नहीं आ पा रही है। कुंभ के बाद अर्धकुंभ में भी पैड़ी का विस्तारीकरण नहीं हो पाएगा। सिंचाई विभाग अब तक दस करोड़ का मुआवजा बांट चुका है, लेकिन भूमि अधिग्रहण का पेच इसमें बाकी है।
हरिद्वार। हरकी पैड़ी की महत्वाकांक्षी विस्तारीकरण योजना तमाम कवायद के बाद भी फाइलों से बाहर नहीं आ पा रही है। कुंभ के बाद अर्धकुंभ में भी पैड़ी का विस्तारीकरण नहीं हो पाएगा। सिंचाई विभाग अब तक दस करोड़ का मुआवजा बांट चुका है, लेकिन भूमि अधिग्रहण का पेच इसमें बाकी है।
हरिद्वार में कुंभ-अर्धकुंभ मेला हरकी पैड़ी पर लगता है, लेकिन पैड़ी क्षमता बेहद सीमित है। हर बार श्रद्धालुओं का दबाव हरकी पैड़ी पर बढ़ रहा है। इस बार के अर्धकुंभ में भी पांच करोड़ लोगों के आने का अनुमान सरकार लगा रही है। ऐसे में सीमित क्षेत्र में भीड़ को संभालना मुश्किल हो जाएगा। कुंभ के बाद गए मेला अधिष्ठान की रिपोर्ट में भी हरकी पैड़ी विस्तारीकरण को जरूरी बताया था, लेकिन कुंभ की तरह अर्धकुंभ मेले में भी हरकी पैड़ी का विस्तार संभव नहीं है। कुंभ से पहले पैड़ी विस्तारीकरण की योजना बनी थी। मामला अदालत में पहुंच गया। कई सालों तक मामला लटकने के बाद अदालत ने मेला अधिष्ठान से विस्तारीकरण की जद में आने वाले लोगों से बातचीत कर मुआवजा देने को कहा। पैड़ी का विस्तारीकरण सिंचाई विभाग को करना है। मुआवजे बांटने के लिए उसे करीब 18 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें से दस करोड़ वह बांट चुका है।
पैड़ी में जहां एक-एक इंच जमीन बेशकीमती है ऐसे में वहां कई लोग अपनी जमीन विस्तारीकरण को नहीं देना चाहते। इसलिए इस बार भी इसमें पेच फंस गया है।
हालांकि मुख्यमंत्री हरीश रावत स्वयं इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं। 27 दिसंबर 2014 को भी अर्धकुंभ के कामों के स्थलीय निरीक्षण के दौरान भी उन्होंने इस संबंध में कार्रवाई आगे बढ़ाने को कहा था। शनिवार को हरिद्वार में कैबिनेट बैठक से पहले भी उन्होंने इस संबंध में निर्देश दिए। सीएम को भी इस बात का अहसास था कि पैड़ी विस्तारीकरण का काम आसान नहीं है। इसलिए उन्होंने उन सभी पक्षों से विस्तारीकरण में सहयोग का आह्वान किया था जो किसी न किसी रूप से इससे जुड़े हैं।
पैड़ी पर निजी संपत्ति का विस्तारीकरण में आना।
मुआवजे के मामले का पूरी तरह से न सुलझ पाना।
पैड़ी की भौगोलिक स्थिति, इससे एक तरफ ही विस्तारीकरण संभव।
एक समय में अधिक श्रद्धालु कर पाएंगे स्नान।
पुलिस-प्रशासन को व्यवस्था बनाने में आसानी।
भगदड़ जैसी अप्रिय स्थिति से बचा जा सकेगा।
हरकी पैड़ी का विस्तारीकरण के साथ सौंदर्यीकरण होगा।
सीएम साहब इस मामले को लेकर गंभीर हैं। इस कवायद में कुछ परेशानी है। भू अधिग्रहण जैसे संवेदनशील मसले हैं। ऐसे में अर्धकुंभ तक विस्तारीकरण संभव नहीं है। एसए मुरुगेशन, मेलाधिकारी