उर्स पर खुलेंगी शाहजहां और मुमताज की असली कब्रें
ताजमहल में मुगल शहंशाह शाहजहां का उर्स 23 से 25 अप्रैल तक मनाया जाएगा।तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की मुख्य कब्रें देखने का मौका मिलेगा
आगरा। दुनिया के सातवें अजूबे ताजमहल में मुगल शहंशाह शाहजहां का उर्स 23 से 25 अप्रैल तक मनाया जाएगा। सैलानियों को तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की मुख्य कब्रें देखने का मौका मिलेगा। 23 व 24 अप्रैल को दोपहर दो बजे से सूर्यास्त तक और 25 अप्रैल को पूरे दिन स्मारक में निश्शुल्क प्रवेश मिलेगा।
ताजमहल में शाहजहां का 362वां उर्स रविवार से मंगलवार तक मनाया जाएगा। इसके लिए उर्स कमेटी की बैठक गुरुवार को ताजमहल में हुई। इसमें तय हुआ कि उर्स के दौरान व्यवस्थाएं संभालने व जायरीनों की सहायता को उर्स कमेटी वॉलंटियर्स लगाएगी। इसकी सूची वह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और पुलिस को सौंपेगी। मुख्य मकबरे में अगरबत्ती नहीं ले जा सकेंगे। आर्च में ही इसके लिए व्यवस्था की जाएगी। भीड़ पर नियंत्रण को अतिरिक्त स्टाफ लगाया जाएगा। वहीं, चादरें सीधे मुख्य मकबरे तक जाएंगी।
तीन दिन खुलेंगी मुख्य कब्रें, फ्री मिलेगा प्रवेश
23 अप्रैल: दोपहर दो बजे मुख्य कब्रें खुलेंगी। इसके बाद गुस्ल, मीलाद शरीफ और फातिहा होगा।
24 अप्रैल: दोपहर दो बजे के बाद संदल चढ़ाया जाएगा।
25 अप्रैल: उर्स की शुरुआत कुरानख्वानी से होगी। इसके बाद दिन भर चादरपोशी और पंखे चढ़ाए जाएंगे।
स्मारक में गूंजेगी शहनाई- उर्स के दौरान ताज में मुख्य मकबरे पर कव्वाली गूंजेगी। रॉयल गेट पर शहनाई व नगाड़ा बजाया जाएगा। लंगर फोरकोर्ट में ही बांटा जा सकेगा।
उर्स के दौरान हो ताज महोत्सव-बैठक में लोगों ने सुझाव दिया कि उर्स के दौरान ताज महोत्सव होना चाहिए। कुछ लोगों ने स्मारक में शाहजहां व मुमताज के नाम पर मुशायरा कराने का सुझाव दिया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने नई परंपरा की शुरुआत की अनुमति देने से इन्कार कर दिया।