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सारनाथ अब आदर्श स्मारक

सारनाथ अब आदर्श स्मारक की श्रेणी में आ गया है। भारत सरकार ने देश के 25 प्राचीन स्थानों आदर्श स्मारक घोषित किया है। इनमें एक सारनाथ स्थित प्राचीन स्मारक भी है। पर्यटन के क्षेत्र में इससे जहां सारनाथ का अंतरराष्ट्रीय महत्व और बढ़ेगा वहीं विश्व के कोने-कोने से आने वाले

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2015 12:05 PM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2015 12:09 PM (IST)
सारनाथ अब आदर्श स्मारक

वाराणसी। सारनाथ अब आदर्श स्मारक की श्रेणी में आ गया है। भारत सरकार ने देश के 25 प्राचीन स्थानों आदर्श स्मारक घोषित किया है। इनमें एक सारनाथ स्थित प्राचीन स्मारक भी है। पर्यटन के क्षेत्र में इससे जहां सारनाथ का अंतरराष्ट्रीय महत्व और बढ़ेगा वहीं विश्व के कोने-कोने से आने वाले सैलानियों को विशेष सुविधाएं भी मिलेंगी।

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भारत के पर्यटन स्थलों के विकास एवं वहां पहुंचे वाले पर्यटकों की सुविधाओं को देखते हुए संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन आने वाले स्मारक स्थलों को आदर्श घोषित किया है। इनमें सारनाथ की धरोहर, कुशीनगर के स्मारक, दिल्ली का लालकिला व कुतुबमीनार, आगरा का ताजमहल, फतेहपुर सिकरी का किला, वैशाली, कोणार्क का सूर्य मंदिर आदि प्रमुख हैं।

पुरातत्वविद् अधीक्षण अजय श्रीवास्तव ने बताया कि आदर्श स्मारकों की श्रेणी में आने से सारनाथ का विशेष ध्यान दिया जाएगा। ऐसे स्थलों पर पर्यटन सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। आधुनिक शौचालय, स्वच्छ शीतल पेयजल, सफाई, सड़क, बिजली, जल निकासी आदि व्यवस्थाएं दुरूस्त होंगी। सामान्य तौर पर सारनाथ के पुरातात्विक खण्डहर व चौखंडी स्तूप परिसर में सफाई की विशेष व्यवस्था है।परिसर में प्लास्टिक के थैले व प्लास्टिक के सामानों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है।

नए बाड़ों में रखे गए पक्षी-

सारनाथ स्थित पक्षी विहार केंद्र में आधुनिक तरह से बने घरौदे में पक्षियों के लिए आशियाना बनाया गया है। पक्षियों के रहने के लिए छोटे- छोटे घरौदे बनाए गए हैं। पक्षी अपने नए हवादार घरौदे में पहुंचकर काफी खुश नजर आ रहे हैं।

पक्षी विहार केंद्र के सात बाड़ों के उच्चीकरण व उसे आधुनिक रूप देने के लिए वन विभाग को पांच लाख रुपये अवमुक्त हुए थे। लगभग एक वर्ष से कार्य चल रहा था। बाड़ों को नया रूप मिलते ही गुरुवार को वन कर्मियों ने लालमुनिया, लव बर्ड, तोता, बजरी, व पहाड़ी तोता को नए घरौदे में रख दिया। इन पक्षियों के रहने के लिए अंदर छोटे- छोटे झूले भी लगाए गए हैं। बाड़ों की जालियां भी बदल दी गई हैं। वन क्षेत्रधिकारी एम आर चौरसिया ने बताया के पक्षियों को नए बाड़ों में रखा गया हैं। पहले के बाड़ों से इस बाड़े की चौड़ाई व ऊंचाई भी अधिक है। पक्षी अब स्वतंत्र रूप से पंख फडफ़ड़ा सकते हैं।


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