मंदिरों से हटाई जाएंगी साईं की मूर्तियां
जोशीमठ स्थित ज्योतिष पीठ पहुंचे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने आरोप लगाया कि साईं भक्त बदरीनाथ में भी साईं बाबा की मूर्ति स्थापित करने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने ऐलान किया कहा कि देश के हिंदू मंदिरों से साईं की मूर्ति हटाने का कार्य किया जाएगा और इसकी शुरुआत
गोपेश्वर (चमोली)। जोशीमठ स्थित ज्योतिष पीठ पहुंचे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने आरोप लगाया कि साईं भक्त बदरीनाथ में भी साईं बाबा की मूर्ति स्थापित करने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने ऐलान किया कहा कि देश के हिंदू मंदिरों से साईं की मूर्ति हटाने का कार्य किया जाएगा और इसकी शुरुआत देवभूमि उत्तराखंड से की जाएगी। शंकराचार्य ने केदारनाथ त्रसदी के पीछे चीन का हाथ होने की बात भी कही।
रविवार को चार साल बाद ज्योतिष पीठ पहुंचे शंकराचार्य का पारंपरिक अंदाज में स्वागत किया गया। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि हम सांई का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन सांई को भगवान के रूप में प्रचारित किया जाना गलत है। कहा कि सांई का कोई गुरु नहीं था और न वह संत थे। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग अपना व्यवसाय चमकाने के लिए मंदिरों में मूर्ति स्थापित कर उन्हें अवतार का दर्जा देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा राम मंदिर के नाम पर राजनीति कर रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आज तक एक भी मंदिर नहीं बनाया।
शंकराचार्य ने कहा कि संत ही राम मंदिर निर्माण करेंगे। स्वामी स्वरूपानंद ने साफ किया कि अयोध्या में राम जन्मभूमि है। यहां पर मस्जिद के लिए भूमि किसी भी हालत में नहीं दी जाएगी। ज्योतिष पीठ और द्वारिका पीठ में एक को छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि देह त्याग करने तक के लिए शंकराचार्य के तौर पर मेरा अभिषेक हुआ है। ऐसे में पद छोड़ने की बातें भ्रामक हैं। शंकराचार्य ने खुद को स्वतंत्रता सेनानी बताते हुए कहा कि उन्होंने वर्ष 1942 में आजादी के संघर्ष में भाग लिया था और इस दौरान नौ माह जेल में भी बिताए। उन्हें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के तौर पर पेंशन भी दी जाती है।