मान्यता है कि शिवलिंग निर्माण से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है
गृहस्थ संत देव प्रभाकर शास्त्री (दद्दाजी) के शिविर में मंगलवार को हजारों हाथों ने पार्थिव शिवलिंग बनाए।
उज्जैन। गृहस्थ संत देव प्रभाकर शास्त्री (दद्दाजी) के शिविर में मंगलवार को हजारों हाथों ने पार्थिव शिवलिंग बनाए। हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ सुबह 7 बजे से शिवलिंग निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पत्नी साधना सिंह, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी और प्रभारी मंत्री भूपेन्द्र सिंह के साथ हवन कुंड में आहुति डाली। फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा और राजपाल यादव पार्थिव शिवलिंग बनाते हुए दिखे।
शिवलिंग निर्माण के लिए भक्तों का तांता सुबह 7 बजे से ही लगना शुरू हो गया। दस बजे तक शिविर में बैठने तक की नहीं बची थी। मिट्टी के महादेव बनाने के लिए हजारों लोग जमा थे। सागर, छतरपुर, इटावा, भोपाल एवं उज्जैन के कारसेवक पूरे शिविर में शिवलिंग निर्माण की गोलियां वितरित कर रहे थे। देशभर से आए हजारों श्रद्धालुओं ने पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया। इंदौर से चालीस बस में डेढ़ हजार महिला-पुरुष शिवलिंग बनाने के लिए आए।
मान्यता : हम शिव का निर्माण करेंगे तो शिव हमारा
मान्यता है कि शिवलिंग निर्माण से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। सनातन परंपरा में शिव अराध्ाना को सबसे सरल बताया गया है। दद्दाजी का कहना है कि हम शिव का निर्माण करेंगे तो शिव हमारा निर्माण करेंगे। हम जितना सुंदर शिव को बनाएंगे, शिव उतना ही सुंदर हमें बनाएंगे।
गुरु आदेश पर कर रहे संकल्प पूरा
दद्दाजी बताते हैं बात उन दिनों की है जब वाराणसी में शिक्षा के लिए गया था। यहां धर्म सम्राट करपात्री जी से मुलाकात हो गई। इतना प्रभावित हुआ कि उनसे दीक्षा ले ली। गुरुपूर्णिमा के दिन करपात्रीजी को सभी शिष्य गुरु दक्षिणा के रूप में कुछ न कुछ दे रहे थे। मेरे पास देने के लिए कुछ भी नहीं था।
तब उन्होंने कहा, उनका एक संकल्प है पार्थिव शिवलिंग निर्माण का, जिसे कोई भी शिष्य लेने को तैयार नहीं। तब मैंने गुरुजी से पार्थिव शिवलिंग निर्माण के संकल्प को पूरा करने का वादा किया। उनका ये संकल्प अब यहां उज्जयिनी में कार्यक्रम 108वें अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है।