भोजन के लिए राहुल गांधी भी कतार में लगे थे
केदारनाथ पहुंचे राहुल गांधी ने अपने अंदाज से सबका मन मोह लिया। पैदल पथ पर वह कभी आम लोगों का अभिवादन स्वीकार करते तो कभी काम पर जुटे श्रमिकों से बातचीत करने लगते। इतना ही नहीं गुरुवार को लिनचोली में रात्रि विश्राम के दौरान वे भोजन के लिए आम श्रद्धालुओं
केदारनाथ। केदारनाथ पहुंचे राहुल गांधी ने अपने अंदाज से सबका मन मोह लिया। पैदल पथ पर वह कभी आम लोगों का अभिवादन स्वीकार करते तो कभी काम पर जुटे श्रमिकों से बातचीत करने लगते। इतना ही नहीं गुरुवार को लिनचोली में रात्रि विश्राम के दौरान वे भोजन के लिए आम श्रद्धालुओं की तरह कैंटीन में पहुंचे और कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार किया।
हल्की बूंदाबांदी के बीच वीवीआइपी के लिए बने हट में ठहरे राहुल अचानक रात साढ़े नौ बजे कैंटीन में पहुंच गए। उन्हें देख वहां मौजूद लोग हैरत में पड़ गए। उस वक्त वहां करीब पचास लोग मौजूद थे। गढ़वाल रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने बताया कि राहुल के भोजन की व्यवस्था अलग से एसडीआरएफ की कैंटीन में की गई थी। जब उन्हें इस बारे में बताया गया तो उन्होंने पूछा कि 'आम लोग कहां खाना खाएंगे।Ó उन्हें अवगत कराया गया कि आम लोगों का इंतजाम गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा संचालित कैंटीन में किया गया है। इस पर उन्होंने कहा कि मैं भी सब के साथ खाना खाऊंगा।
कैंटीन में राहुल कतार में खड़े हुए और अपनी बारी का इंतजार करने लगे। उनके साथ मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत दूसरे अतिथि भी मौजूद थे। करीब 15 मिनट बाद 9.45 बजे उनका नंबर आया तो उन्होंने थोड़े चावल, अरहर की दाल और पूरी ली। वह करीब 30 मिनट कैंटीन में रहे और दस बजे सोने के लिए अपनी हट में चले गए। इस दौरान उनके चेहरे पर थकान का नामोनिशान तक नहीं था। हालांकि गुरुवार को उन्होंने गौरीकुंड से लिनचोली तक 11 किलोमीटर का सफर तय किया था।