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मुहम्मद साहब की कब्र दूसरी जगह ले जाने की योजना

ब्रिटेन से प्रकाशित होने वाले अखबार 'द इंडिपेंडेंट' ने दावा किया है कि पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब की कब्र को सऊदी अरब की सरकार स्थानांतरित करने वाली है। अखबार के अनुसार अली बिन अब्दुल अजीज शबल नामक सऊदी मुफ्ती ने सरकार को यह विवादित सलाह दी है कि मदीना स्थित मुहम्मद साहब की कब्र को हरी गुंबद से हटाकर

By Edited By: Published: Tue, 02 Sep 2014 10:04 PM (IST)Updated: Wed, 03 Sep 2014 08:49 AM (IST)

नई दिल्ली [जेएनएन]। ब्रिटेन से प्रकाशित होने वाले अखबार 'द इंडिपेंडेंट' ने दावा किया है कि पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब की कब्र को सऊदी अरब की सरकार स्थानांतरित करने वाली है। अखबार के अनुसार अली बिन अब्दुल अजीज शबल नामक सऊदी मुफ्ती ने सरकार को यह विवादित सलाह दी है कि मदीना स्थित मुहम्मद साहब की कब्र को हरी गुंबद से हटाकर किसी दूसरी अज्ञात जगह पर दफना दिया जाए। हरी गुंबद को नष्ट करने की भी योजना है।

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अखबार के अनुसार, सऊदी मुफ्ती ने मदीना की अल मस्जिद अल नवाबी के अधिकारियों को 61 पन्नों की एक योजना पेश की है। इसके मुताबिक मदीना की इस मस्जिद में स्थित कब्र को पास के ही किसी अनजान कब्रिस्तान में दफन करने और हरी गुंबद को नष्ट करने का प्रस्ताव है। मुसलमानों के लिए यह दूसरी सबसे प्रमुख धार्मिक जगह है। इसके संरक्षक सऊदी राजा अब्दुल्ला हैं। इस योजना का खुलासा एक सऊदी मौलवी इरफान अल्वी ने किया है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत आसपास के उन सभी स्थानों को भी ढहाया जाएगा, जिनमें पैगंबर के रिश्तेदार रहते थे। अभी इस बात की सूचना नहीं है कि सऊदी सरकार ने इस योजना को मंजूरी दी है या नहीं।

सऊदी अरब के कई सुन्नी इस्लामी विद्वान पैगंबर मुहम्मद की कब्र पर लोगों के जाने का विरोध करते रहे हैं। वह चाहते हैं कि कब्र ऐसी जगह हो, जिससे कोई परिचित न हो। सऊदी अरब इस्लाम के वहाबी स्वरूप को मानता है, जिसमें किसी वस्तु या संत की उपासना को मूर्तिपूजा माना गया है। इस्लामी शोध केंद्र के डायरेक्टर डॉक्टर अलावी ने ब्रिटिश अखबार से कहा, लोग उन कमरों में जाते हैं, जहां पैगंबर का परिवार रहा करता था। वहां वे प्रार्थना करते हैं। चूंकि सऊदी सरकार मूर्ति पूजा के खिलाफ है। इसलिए वे इसे रोकना चाहते हैं। यहां सदियों से हजयात्री प्रार्थना के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि पैगंबर को शिया और सुन्नी बराबरी का महत्व देते हैं। इन दोनों समुदायों में पहले से ही कई मुद्दों को लेकर तनाव है। इसलिए सरकार को ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे यह तनाव और भड़के। अलावी ने बताया कि पैगंबर के परिजनों की सभी कब्रें पहले ही नष्ट की जा चुकी हैं।


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