ओंकारेश्वर मंदिर को आधिपत्य में ले सकती है राज्य सरकार
जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में भेजे गए श्रीजी ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर को आधिपत्य में लेने के प्रस्ताव पर सरकार मोहर लगा सकती है।
ओंकारेश्वर। जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में भेजे गए श्रीजी ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर को आधिपत्य में लेने के प्रस्ताव पर सरकार मोहर लगा सकती है। हाल ही में ट्रस्ट, प्रशासन और पंडे पुजारियों के बीच हुए विवाद के बाद मंदिर को सरकार के आधिपत्य में लिए जाने की चर्चा चल रही है।
खंडवा कलेक्टर एमके अग्रवाल ने बताया कि जिला प्रशासन की और से पूरी फाइल प्रदेश सरकार को भेज दी गई है। विधानसभा में कानून बनने के बाद मानसून सत्र में मंदिर सरकार अपने आधिपत्य में ले सकती है। विदित हो कि ओंकारेश्वर आने वाले श्रद्धालुओं व स्थानीय जागरूक लोगों द्वारा भी यह मांग कई बार उठी है कि मंदिर को सरकार अपने आधिपत्य में ले लें।
वर्तमान में मंदिर की व्यवस्थाएं खंडवा जिला न्यायालय द्वारा 1968 में दिए गए एक निर्देश के अनुसार चलती है। इसमें सात ट्रस्टी हैं। कलेक्टर, एसडीएम, जिला पंचायत, जनपद पंचायत और नगर पंचायत अध्यक्ष के साथ ही राज परिवार के दो व्यक्ति ट्रस्टी हैं। राज परिवार से राव देवेंद्रसिंह वर्तमान में ट्रस्टी हैं। इस संबंध में राव देवेंद्रसिंह ने कहा कि सरकार मंदिर को अपने आधिपत्य में लेती है तो हम न्यायालय की शरण लेंगे। यह हमारे पूर्वजों की धरोहर है।