प्रसाद घर में बदल जाएगा नौबतखाना
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में स्थित नौबतखाना में प्रसाद घर बनाया जाएगा। यहीं प्रसाद बनेगा व इसी परिसर में बिक्री के लिए आधा दर्जन से अधिक काउंटर भी बनेंगे। धर्मार्थ कार्य मंत्रालय की बैठक में इसे हरी झंडी मिल चुकी है। फैसले के अनुसार मंदिर प्रशासन भवन ध्वस्तीकरण और निर्माण के
वाराणसी । श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में स्थित नौबतखाना में प्रसाद घर बनाया जाएगा। यहीं प्रसाद बनेगा व इसी परिसर में बिक्री के लिए आधा दर्जन से अधिक काउंटर भी बनेंगे। धर्मार्थ कार्य मंत्रालय की बैठक में इसे हरी झंडी मिल चुकी है। फैसले के अनुसार मंदिर प्रशासन भवन ध्वस्तीकरण और निर्माण के लिए आकलन तैयार करा रहा है। इसकी जिम्मेदारी राजकीय निर्माण निगम को दी गई है।
अगले माह से ही इस दिशा में कार्य शुरू करने का भी लक्ष्य है ताकि भक्तों को बाबा दरबार की गरिमा के अनुरुप शुद्ध, स्वादिष्ट प्रसाद सुविधाजनक तरीके से मिल सके। श्रद्धालुओं द्वारा लंबे समय से प्रसाद काउंटर की मांग हो रही थी। इसे देखते हुए पिछले साल पराग डेयरी से अनुबंध हुआ था। अब डेयरी प्रशासन ने परिसर में काउंटर भी खोल रखा है। ऐतिहासिक नौबतखाना: पौराणिक मान्यता के अनुसार काशी की शुरुआत ही बाबा से है। यह देवस्थान भी उतना ही पुराना माना जाता है लेकिन मंदिर के वर्तमान स्वरूप का निर्माण इंदौर की महारानी अहिल्याबाई ने 1780 में कराया। द्वादश ज्योतिर्लिग में गैर हंिदूुओं का प्रवेश निषेध हुआ करता था। धर्म-मजहब से परे सार्वभौमिक आस्था को देखते हुए 1785 में वारेन हेस्टिंग्स के निर्देश पर तत्कालीन मजिस्ट्रेट मो. इब्राहिम खान ने मुख्य द्वार के पास नौबतखाना बनवाया। इसमें से ही विदेशी और गैर हिंदू बाबा की झांकी पाते थे। यहां से मंदिर तक ओवरब्रिज बना था जिससे बाबा को पुष्प या अन्य सामग्री अर्पण के लिए भेजी जा सकती थी। जेम्स प्रिंसेप तक ने अपनी पुस्तक में इसका उल्लेख किया है।
शहनाई की तान, नगाड़े की थाप : भोग आरती के दौरान दोपहर में यहां से कलाकार बाबा को शहनाई की तान सुनाते थे। आज भी मुस्लिम परिवार शहनाई वादन करता है। नगाड़ा की थाप अब थम चुकी है। इसके लिए तहसील से भुगतान का प्रावधान था।
‘शासन के निर्देशानुसार नौबतखाना ध्वस्तीकरण व प्रसाद घर निर्माण का आकलन बनवाया जा रहा है। पहले से काबिज कुछ लोग दावा करते रहे हैं। इसका निस्तारण भी जल्द कर लेंगे’-अजय अवस्थी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी।