न रूट तय, न रेट लिस्ट चस्पा, लुट रहे यात्री
चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। धर्मनगरी में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन जारी है। श्रद्धालु हरिद्वार से गंगा स्नान के बाद ही चारधाम यात्रा को रवाना हो रहे हैं, लेकिन धर्मनगरी में श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं नहीं हैं।
हरिद्वार। चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। धर्मनगरी में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन जारी है। श्रद्धालु हरिद्वार से गंगा स्नान के बाद ही चारधाम यात्रा को रवाना हो रहे हैं, लेकिन धर्मनगरी में श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं नहीं हैं।
शहर में चौबीस सौ ऑटो, तीन हजार विक्रम व लगभग पांच सौ बैटरी रिक्शाओं का संचालन होता है। इनके न तो रूट तय किए हैं न ही रेट लिस्ट चस्पा है। इससे एक तरफ ऑटो-विक्रम चालकों को फायदा हो रहा है तो दूसरी तरफ स्थानीय लोगों व यात्रियों को नुकसान। चारधाम यात्रा के दौरान सामान्य दिनों से कहीं अधिक श्रद्धालु धर्मनगरी पहुंचते हैं। यात्री ऑटो-विक्रम से ही हरिद्वार के लगभग सभी मंदिरों के दर्शन भी करते हैं। ऑटो से ही ऋषिकेश भी जाते हैं। ऑटो-विक्रमों का किराया निर्धारित न होने से ऑटो चालक स्थानीय लोगों सहित श्रद्धालुओं से मनमाना किराया वसूलते हैं। ऑटो-विक्रम चालकों की मनमानी के कारण श्रद्धालुओं को परेशानियों को सामना करना पड़ता है। कई बार तो सवारियां बैठने के चक्कर में ऑटो चालक आपस में भी भिड़ जाते हैं। नतीजा यहां आने वाले पर्यटक खराब अनुभव लेकर वापस जा रहे हैं। यह स्थिति राज्य के पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचा रही है। तमाम शिकायतों के बाद भी कोई प्रशासनिक मशीनरी इसे लेकर सजग नहीं दिख रही है।