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हिमालय सी श्रद्धा ने लांघी दुश्वारियों की दीवार

मां नंदा की विदाई का पल नजदीक है। बुधवार को होमकुंड से चौसिंग्या खाडू (चार सींग वाला मेढ़ा) के साथ उन्हें कैलास की ओर रवाना कर दिया जाएगा। इसके बाद यात्री वापसी की राह पकड़ेंगे। श्रद्धालु चंदनिया घाट होते हुए गुरुवार को सुतोल पहुंचेंगे। मंगलवार सुबह से ही लगातार हो रही बूंदाबांदी और घने कोहरे के बीच

By Edited By: Published: Tue, 02 Sep 2014 11:52 PM (IST)Updated: Wed, 03 Sep 2014 08:49 AM (IST)
हिमालय सी श्रद्धा ने लांघी दुश्वारियों की दीवार

शिला समुद्र, जागरण संवाददाता। मां नंदा की विदाई का पल नजदीक है। बुधवार को होमकुंड से चौसिंग्या खाडू [चार सींग वाला मेढ़ा] के साथ उन्हें कैलाश की ओर रवाना कर दिया जाएगा। इसके बाद यात्री वापसी की राह पकड़ेंगे। श्रद्धालु चंदनिया घाट होते हुए गुरुवार को सुतोल पहुंचेंगे। मंगलवार सुबह से ही लगातार हो रही बूंदाबांदी और घने कोहरे के बीच राजजात ने 15 किलोमीटर लंबे हिमालय के सबसे दुष्कर ट्रैक में शामिल ज्यूंरागली और रुपकुंड को पार कर देर शाम शिला समुद्र में पड़ाव डाला।

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बीते दो सप्ताह में नौटी से शिला समुद्र तक राजजात 161 किलोमीटर की यात्रा कर चुकी है। इसमें पातर नचौणियां से शिला समुद्र तक 15 किलोमीटर लंबे रास्ते ने भक्तों की कठिन परीक्षा ली। सोमवार की भांति मंगलवार को भी मौसम के रंग में कोई बदलाव नहीं आया। सुबह बूंदाबांदी और कोहरे के बीच पातर नचौणियां में पूजा अर्चना के बाद यात्रा और दिनों की अपेक्षा जल्दी प्रस्थान कर गई। सुबह 9.15 बजे शंख ध्वनि, रणसिंघा और भंकारे की गूंज के साथ डोलियों-छंतालियों के साथ यात्रियों ने कदम बढ़ाए। बारिश से मार्ग पर जगह-जगह फिसलन के कारण पग बढ़ाना भी चुनौती बन गया। भगुवाबासा को पार कर यात्रा अपह्रान तीन बजे समुद्र तल से 16,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित रुपकुंड पहुंची। स्वच्छ जल वाली इस झील के आसपास बिखरे नर कंकाल यात्रियों के लिए कौतूहल का विषय बन गए। कुछ देर पूजा का दौर चला।

इसके बाद राजजात ज्यूंरागली धार [चोटी] की ओर बढ़ी। समुद्र तल से 17,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित ज्यूंरागली की चढ़ाई यात्रा का सबसे रोमांचक भाग थी। इस पगडंडी को पर्वतारोही भी चुनौती मानते हैं। इस दौरान हाड़ कंपकंपाने वाली हवा के साथ यात्रियों के लिए उखड़ती सांसों को काबू पाना मुश्किल हो जाता है। ज्यूंरागली से नीचे उतर करीब चार किलोमीटर की दूरी तय कर यात्रा समुद्र तल से 13,128 फीट की ऊंचाई पर शिला समुद्र पहुंची।

होमकुंड में नंदा की विदाई आज:

बुधवार को होमकुंड में मां नंदा को विदा कर दिया जाएगा। दूसरी ओर अव्यवस्थाओं को लेकर यात्रियों की नाराजगी झेल रहा प्रशासन मंगलवार को सक्रिय हुआ और पातर नचौणियां में हेलीकॉप्टर से खाने के पैकेट गिराए गए। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद यात्रियों का उत्साह चरम पर है। लगभग आठ से दस हजार यात्री नंदा को विदा कराने के लिए राजजात में शामिल हैं।

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