मिथुन संक्रांति पर पुरी में बड़ा उत्सव
15 जून को मनाई जाने वाली मिथुन संक्रांति का बड़ा महत्व है। पुरी में यह उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
पुरी में होता है विशेष आयोजन
मिथुन संक्रांति पर्व पर उड़ीसा के जगन्नाथ मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। मंदिर को फूल, लाइट से सजाया जाता है। साथ ही मेलों का आयोजन भी होता है। इस मेले में शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इस दिन किसी भी तरह का कृषि कार्य नहीं किया जाता है। लोगों का मानना है इस दिन भूमि या धरती को पूरी तरह से आराम देना होता है। किसान वर्ग के लिए यह पर्व धरती को धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता है। रात को लोकनृत्य से सबका मनोरंजन होता है।
25 जून से शुरु होगी पुरी यात्रा
आषाढ़ माह के शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि को ओडिशा के पुरी नगर में होने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा सिर्फ भारत ही नहीं विश्व के सबसे विशाल और महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सवों में से एक है, जिसमें भाग लेने के लिए पूरी दुनिया से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। इस बार यह यात्रा 25 जून से शुरु होगी। जगन्नाथ रथयात्रा दस दिवसीय महोत्सव होता है। यात्रा की तैयारी अक्षय तृतीया के दिन श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा के रथों के निर्माण के साथ ही शुरू हो जाती है। वर्तमान रथयात्रा में जगन्नाथ को दशावतारों के रूप में पूजा जाता है, उनमें विष्णु, कृष्ण और वामन और बुद्ध हैं।