आइए जानें किससे और किस तरह करें शिव का पूजन कि दूर हो परेशानी
गृह क्लेश शांति को मक्खन मिश्री मिलाकर 108 बिल्व पत्र ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए शिवजी को अर्पण करें।
भगवान आशुतोष को प्रसन्न करने के लिए शास्त्रों में महाशिवरात्रि त्रयोदशी व्रत का विधान बताया गया है। आइए जानें कि किससे और किस तरह करे शिव का पूजन।
जन्मकुंडली में सूर्य से ग्रसित भक्त आक के पत्र पुष्प व बिल्व पत्र द्वारा 108 बार ऊं नम: शिवाय का जाप पर शिवजी को चढ़ाए।
खांसी, जुकाम, मानसिक चिंताओं तथा बीपी को दूर करने को गाय के दूर करने के लिए गाय के दूध में काले तिल डालकर शिवजी का अभिषेक करें।
मंगल दोष को दूर करने को गिलोय के रस से अभिषेक करें।
बुध दोष हरने, बच्चों में विद्या प्राप्ति और चर्म रोग दूर करने को विधारा नामक जड़ी बूटी का जल शिवजी को अर्पण करें।
बृहस्पति से संबंधित परेशानी दूर करने को हल्दी मिश्रित दूध चढ़ाए।
शुक्र से संबंधित परेशानी दूर करने को पंचामृत, शहद और घी से पूजा करें।
शनि प्रकोप को दूर करने को गन्ने का रस या छाछ से अभिषेक करें।
राहु प्रकोप शांति, केतु की शांति को भांग धतूरा चढ़ाए।
गृह क्लेश शांति को मक्खन मिश्री मिलाकर 108 बिल्व पत्र ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए शिवजी को अर्पण करें।