जानें क्यों मनाते हैं धनतेरस
धनतेरस से शुरू होता है दीवाली का त्योहार। क्या आप जानते हैं कि धनतेरस मनाया क्यों जाता है।
लक्ष्मी को समर्पित है त्योहार
धनतेरस मां लक्ष्मी को समर्पित त्योहार है। दीवाली के पांच दिवसीय उत्सव के इस प्रथम चरण को धन त्रयोदशी भी कहते हैं। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की फूलों की माला, मिठाई, घी के दिये, धूप, अगरबत्ती, कपूर से समृद्धि, बुद्धिमत्ता और शुभ के लिये पूजा करते है। कहते हैं इस दिन समुद्र मंथन में अमृत कलश लेकर चिकित्या के देव धन्वंतरी प्रकट हुए थे इस लिए इस दिन उनकी पूजा करने पर देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। लक्ष्मी और धन्वंतरी के साथ मृत्यु के देव यमराज के लिए भी ये त्योहार मनाया जाता है।
यम की भी हाती है पूजा
एक पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन एक सुहागन ने अपने शॉप ग्रस्त पति को यमराज से बचाने और उसकी अकाल मृत्यु को टालने के लिए अपने शयन कक्ष के द्वार पर सोने चांदी के ढेर लगा दिए और सारी जगह दिये जला दिये। इसके बाद अपने पति को जगाये रखने के लिए उसे कहानियां सुनाती रही। सांप के रूप में आये यमराज पहले तो दिये की रोशनी में चमकते सोने चांदी के चमकने से ठीक से देख नहीं पाये और जब किसी तरह ढेर के ऊपर से अंदर जाने लगे तो उस स्त्री की कहानियों में इतने मगन हो गए कि उसके पति को डसना भूल गए। इस तरह उसके पति की मृत्यु का समय टल गया और यमराज को वापस लौटना पड़ा। उस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाने की परंपरा शुरू हो गई। इसी लिए सोने चांदी लाकर धनतेरस पर उसकी पूजा की जाने लगी और यम का दीया जलने लगा। ये एक मात्र पर्व है जो मृत्यु के देवता यम के लिए मनाया जाता है।