2100 दीपों की महाआरती से जगमगा उठी सरयू
वैशाख पूर्णिमा के अवसर पर सहस्त्रधारा घाट पर संचालित पुण्य सलिला सरयू की नित्य महाआरती को नया आयाम मिला। मां सरयू की प्रतिमा स्थापित कर नयनाभिराम झांकी सजाने के साथ 2100 दीपों से पांच अर्चकों ने संयुक्त रूप से महाआरती की।
अयोध्या। वैशाख पूर्णिमा के अवसर पर सहस्त्रधारा घाट पर संचालित पुण्य सलिला सरयू की नित्य महाआरती को नया आयाम मिला। मां सरयू की प्रतिमा स्थापित कर नयनाभिराम झांकी सजाने के साथ 2100 दीपों से पांच अर्चकों ने संयुक्त रूप से महाआरती की।
महाआरती करने वाले अर्चकों में दया सिंधु, मोहन पांडेय, योगेंद्र पांडेय, पवनकुमार एवं रामचंद्र दास रहे। करीब 20 मिनट तक चली महाआरती के उपरांत अनेक प्रमुख संत-महंतों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने समवेत स्वर में पुण्य सलिला की स्तुति की। प्रसाद वितरण भी उत्सव का वाहक रहा। नित्य महाआरती संचालित करने वाली संस्था आंजनेय सेवा संस्थान के अध्यक्ष महंत शशिकांत दास ने आगंतुकों का स्वागत किया। इस मौके पर मौजूद प्रमुख लोगों में ङ्क्षबदुगाद्याचार्य महंत देवेंद्र प्रसादा चार्य, रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य, पत्थर मंदिर के महंत जयरामदास, महंत मनीष दास, महंत अर्जुनदास, पुजारी रामदास, वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध प्रसाद शुक्ल, नंदकुमार मिश्र पेड़ा महाराज, महंत कन्हैयादास, गिरीश दास, महंत अवधेश दास, नीलमणि आचारी बादल, राजीव त्रिपाठी, श्रीनारायण आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
पूर्णिमा पर वितरित किया शर्बत- पूर्णिमा के अवसर पर शीतला माता मंदिर में भक्तों को शर्बत का वितरण किया गया। साथ ही प्रसाद भी बांटा गया, जिससे गर्मी में लोगों को राहत मिल सके। मंदिर के महंत जय प्रकाश दास की देखरेख में समाजसेवी अरङ्क्षवद अग्रवाल व चंद्रकला अग्रवाल ने शर्बत का वितरण किया। इस मौके पर भावना चौधरी, आलोक, कंचन चौधरी, करुणोश वर्मा व रंजीत वर्मा आदि थे।
भगवान बुद्ध के मूल्यों पर विमर्श ही नहीं उस पर अमल भी आवश्यक है। यह सीख दी, भंते करुणानंद ने। वे अंबेडकर विचार मंच की ओर से शंकरगढ़ बाजार में आयोजित बुद्ध जयंती समारोह में विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने भगवान बुद्ध के प्रज्ञा, शील, करुणा, मैत्री आदि मूल्यों का विवेचन भी किया। मंच के अध्यक्ष जियालाल ने बुद्ध के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। मंच के महामंत्री डॉ. रमापति भास्कर ने कहा कि बुद्ध की शिक्षाओं पर अमल कर भारत पुन: अपने स्वर्णिम दिन प्राप्त कर सकता है। लल्लन प्रसाद अंबेश ने कहा कि भारत प्राचीन काल में यदि विश्व गुरु के गौरव से अभिषिक्त था, तो उसके पीछे बुद्ध का विराट व्यक्तित्व एवं चिंतन ही था। इससे पूर्व बुद्ध वंदना एवं त्रिशरण पाठ से समारोह की शुरुआत हुई। समारोह क्रम में भगवान बुद्ध पर केंद्रित फिल्में भी प्रदर्शित की गईं। गौतमबुद्ध के बताए रास्ते पर चलने से ही मानवता की रक्षा।
भगवान गौतम बुद्ध के बताए रास्ते पर चलने से ही मानवता की रक्षा व विश्व में शान्ति की स्थापना सम्भव है। यही कारण है कि पूरे विश्व में गौतम बुद्ध के अनुयाइयों की संख्या बढ़ती जा रही है। रालोद जिला उपाध्यक्ष सूर्य प्रसाद श्रीवास्तव ने बड़ागांव स्थित दिनेश प्रताप सिंह रावत के आवास पर गौतम बुद्ध जयन्ती के दौरान बुद्ध प्रतिमा पर माल्यापर्ण के बाद कही।
वैशाख पूर्णिमा पर रामनगरी में आस्था उमड़ी। भोर सरयू में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई, गो-दान के बाद पूरी शिद्दत से दान-दक्षिणा की रस्म निभाई गई। तदुपरांत श्रद्धालुओं ने मंदिरों की ओर रुख किया। भोले बाबा के पौराणिक स्थल नागेश्वरनाथ मंदिर पर भोर अभिषेक करने वालों का तांता लगा, तो पूर्वाह्न हनुमानगढ़ी, कनकभवन आदि प्रमुख मंदिर गुलजार रहे। सायंकालीन सत्र में भी वैशाख पूर्णिमा की छटा बिखरी। बाजार में सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक चहल-पहल रही।