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श्रीकृष्ण जन्मस्थान: दक्षिण भारतीय शैली में होगी गर्भगृह की सज्जा

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर इस वर्ष प्रिया-प्रियतम के निज गर्भगृह की साज सज्जा भी अनूठी और निराली होगी। लाल पुष्पों का समायोजन इस सज्जा में चार चांद लगा देंगे। दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला से गर्भगृह की सज्जा में किया जाएगा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2015 12:41 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2015 12:43 PM (IST)

मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर इस वर्ष प्रिया-प्रियतम के निज गर्भगृह की साज सज्जा भी अनूठी और निराली होगी। लाल पुष्पों का समायोजन इस सज्जा में चार चांद लगा देंगे। दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला से गर्भगृह की सज्जा में किया जाएगा।

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भगवान श्री तिरुपति बालाजी के श्रीविग्रह के बगल एवं पृष्ठभाग में उत्कीर्ण स्तम्भ एवं ङ्क्षसहाकृति का प्रतिरूप भागवत भवन स्थित श्रीविग्रह के समीप स्थापित किया जाएगा। भगवान श्रीराधा-कृष्ण चंद्रकी पोशाक धारण करेंगे। जिस पर चंद्रमा, फूल, पत्ती, पुष्पाकृति, शंखाकृति, मयूराकृति रेशम, रत्न, जरी से उकेरी जाएंगी। कनाडियन आर्ट का समावेश करने को रोबोट शुक्रवार से प्रभु के लिए साज सज्जा में जुट जाएगा। पुष्प, पत्र, थर्मोंकोल आदि को फूल बंगला में सजाना ही इस मशीन की खासियत होगी।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि जन्म महाभिषेक स्थल पर पुष्पघंट बंगले का निर्माण जोर-शोर से चल रहा है। प्रथमवार जन्ममहोत्सव बंगले के निर्माण में विदेशी आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया गया है। विदेशी तकनीक एवं ब्रज की कला का अनूठा और अभिनव प्रयोग यह बंगला ब्रज के श्रद्धालुओं को पहली बार देखने को मिलेगा।

फूलों से महकेगा द्वारिकाधीश मंदिर

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर द्वारिकाधीश मंदिर फूलों की सुगंध से महकेगा। सजावट के लिए दिल्ली से तरह-तरह के फूल मंगाए जा रहे हैं। सतरंगी रोशनी में मंदिर झिलमिल करता नजर आएगा। मंदिर में मरम्मत और पेङ्क्षटग का कार्य भी चल रहा है। सेवायत गोस्वामी बृजेश कुमार महाराज के दिशा-निर्देशन में मंदिर में व्यवस्थाएं की जा रही हैं। मंदिर में श्रद्धालु मुख्यद्वार से प्रवेश कर सकेंगे। बाहर जाने की व्यवस्था दो द्वारों से की गई है। मीडिया प्रभारी एड. राकेश तिवारी ने बताया कि पांच सितंबर को सुबह साढ़े छह बजे पंचामृत अभिषेक, सुबह नौ बजे श्रंृगार के के दर्शन होंगे। छह सितंबर को सुबह दस बजे नंदोत्सव मनाया जाएगा।


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