दिव्य गतिविधियों की ऊर्जा स्वरूप मां कमला का पर्व है कमला जयंती
नवंबर 18, 2017 को मां कमला जयंती पर्व है। इसे कमला महाविद्या जयंती भी कहते हैं। कमला मां विद्या के दसवें अवतार की प्रतीक हैं।
आदि शक्ति का अवतार हैं मां कमला
शास्त्रों और पुराणों के अनुसार तीनों महादेवों के कार्यों का निर्धारण आदि शक्ति या आद्या शक्ति के द्वारा होता है। आदि शक्ति के दस उग्र और सौम्य मिला कर कुल दस अवतार हैं। महाकाली, तारा, श्री विद्या त्रिपुरसुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर-भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और मां कमला। ये दसों मिलकर दस महाविद्या समूह का निर्माण करती हैं। इनमें से प्रत्येक भिन्न-भिन्न प्रकार के शक्तियों तथा ज्ञान से परिपूर्ण हैं और उन शक्तियों की अधिष्ठात्री हैं। इसी में दसवां अवतार हैं मां कमला।
मां कमला की विशेषता
देवी कमला भाग्य, सम्मान और परोपकार की देवी हैं और सभी दिव्य गतिविधियों में ऊर्जा के रूप में उपस्थित रहती हैं। उन्हें भगवान विष्णु की दिव्य शक्ति भी माना जाता है। कहते हैं मां कमला की पूजा से विद्या और कौशल में विकास होता है, धन और ऐश्वर्य में वृद्धि करती है और गर्भवती महिलायें यदि इनकी पूजा करें तो उनकी संतति की रक्षा होती है।
कब होती है कमला जयंती ऐसे करें पूजा
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को कमला जयंती होती है। इस बार ये 18 नवंबर शनिवार को पड़ रही है। कमला जयंती को तांत्रिक पूजा का भी महत्व होता है परंतु परिवारिक लोगों को भी इनकी पूजा का शुभ फल प्राप्त होता है। इस दिन दस वर्श से कम उम्र की कन्या को भोजन करना शुभ माना जाता है। इनकी पूजा के लिए प्रातकाल स्नान आदि करके गुरू वंदना करें फिर गुरु पूजा और गौ पूजा करें। पूजा के दौरान मां कमला का पूर्ण श्रंगार कर उन्हें हल्दी, कुमकुम, अक्षत और सिंदूर चढ़ायें। फल और मिठाई से देवी को भोग लगायें और दान पुण्य करके प्रसाद वितरित करें और खुद भी ग्रहण करें।