शरद पूर्णिमा पर चंद्र देव की कृपा के लिए ऐसे करें पूजा
अश्विन मास की पूर्णिमा शरद पूर्णिमा के रूप में मनाई जाती है। इस दिन चंद्रदेव की किरणों से जीवन में खुशियां आती हैं। ऐसे में चंद्र देव की कृपा पाने के लिए ऐसे करें पूजा...
कोजागरी पूर्णिमा
हिंदू ध्ार्म में मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा 16 कलाओं से संपन्न होकर अमृत बरसाता है। चंद्र देव की किरणों से जीवन में खुशियां आती है। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है। इस रात देवी लक्ष्मी, कुबेर और चंद्र देव की मंत्रोचार के साथ पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। घर की आर्थिक तंगी दूर होती है और धन-समृद्धि का आगमन होता है।
लक्ष्मी जी की पूजा
शरद पूर्णिमा के दिन धन-धान्य की देवी कही जाने वाली मां लक्ष्मी की विधिविधान से पूजा करनी चाहिए। शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी को मनाने की रात होती है। इस दौरान ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः...मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे माता रानी की विशेष कृपा मिलती है।
कुबेर की पूजा
हिंदू धर्म कुबेर को देवताओं का कोषाध्यक्ष कहा जाता है। माना जाता है कि लक्ष्मी जी की पूजा के साथ कुबेर भगवान की भी पूजा करना जरूरी है। इससे कुबेर देव जी प्रसन्न होते हैं। कुबेर की पूजा में ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा...मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।
चंद्र देव की पूजा
शरद पूर्णिमा पर चंद्र दोष से पीड़ित लोगों द्वारा विधविधान से पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। चंद्र देव प्रसन्न होकर उनके सभी दोष दूर करते हैं। वहीं दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम । नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं...मंत्र का जाप करने से जीवन में खुशियां बरसेंगी। इस रात चंद्र देव की किरणों से स्वास्थ्य लाभ होता है।