केदारनाथ में छोटे वाहन भी दौडऩे लगे है
विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ को जोडऩे के लिए भले ही सरकार ने मोटर मार्ग न बनाया हो, लेकिन यहां छोटे वाहन दौडऩे लगे हैं। आने वाले यात्रा सीजन में यात्री भी केदारनाथ में वाहनों से एक दूसरे स्थान पर जा सकेंगे, जो कि बुजर्ग यात्रियों के लिए काफी सुकून देने
रुद्रप्रयाग। विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ को जोडऩे के लिए भले ही सरकार ने मोटर मार्ग न बनाया हो, लेकिन यहां छोटे वाहन दौडऩे लगे हैं। आने वाले यात्रा सीजन में यात्री भी केदारनाथ में वाहनों से एक दूसरे स्थान पर जा सकेंगे, जो कि बुजर्ग यात्रियों के लिए काफी सुकून देने वाला होगा।
पुनर्निर्माण के लिए केदारनाथ पहुंचाई गई मशीनों से वहां सड़कों का जाल बिछने लगा है। आने वाले समय में यह धाम एक नए ही स्वरूप में नजर आएगा। गत दिनों राज्यपाल केके पाल ने भी एटीवी वाहन में बैठकर ही हेलीपैड से मंदिर के पीछे प्रवचन हॉल तक पुनर्निर्माण कार्यो का निरीक्षण किया था।
वायु सेना के मालवाहक जहाज एमआइ 26 से केदारनाथ में भारी मशीन पहुंचाने के बाद पुनर्निर्माण कार्यो ने जोर पकड़ लिया है। केदारनाथ के विभिन्न क्षेत्रों में पुनर्निर्माण कार्य किए जाने हैं। दो से चार किलोमीटर के दायरे में यह कार्य होने प्रस्तावित हैं। जेसीबी, पोकलैंड, हाइड्रा समेत अन्य भारी मशीनें कायरे में जुटी हुई हैं। एमआई 26 के लिए बनाए गए हेलीपैड से मंदाकिनी नदी पर घाट तक पांच सौ मीटर सड़क बनाई गई है। यहां केदारनाथ मंदिर के पीछे प्रवचन हॉल तक छह सौ मीटर सड़क भी बनाई गई है। प्रवचन हॉल से मंदिर के पीछे हेलीपैड तक भी मोटर मार्ग बनाया गया है। भविष्य में नई केदारपुरी में भी चौड़ी सड़क बनाने की योजना बना रहा है। सरकार भी केदारनाथ बेस कैंप से मंदिर तक दो किलोमीटर लंबी सड़क बनाने की घोषणा पहले ही कर चुकी है। इस सड़क पर बैटरी से चलने वाले वाहन चलाए जाने प्रस्तावित हैं। यात्री बेस कैंप केदारनाथ से केदारनाथ मंदिर तक इस वाहन का उपयोग कर सकेंगे। लिनचोली से केदारनाथ बेस कैंप तक रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है। आगे का सफर यात्री वाहन से कर सकेंगे।
केदारनाथ में सड़कों का निर्माण होने से आने वाले समय में यह नगरी नए स्वरूप में दिखाई देगा। मास्टर प्लान में भी प्रदेश सरकार केदारपुरी के अंदर के रास्ते साठ फीट चौड़ा करना चाहती है।