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काशी अब होगी स्मार्ट सिटी

पीएम नरेंद्र मोदी की पहल पर काशी को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का सपना अब जल्द साकार रूप लेगा। वाराणसी में हेरिटेज जोन से क्योटो इसकी शुरुआत करेगा। इसमें राजघाट से अस्सी घाट तक तकरीबन 16 किलोमीटर तथा सारनाथ में बुद्धिस्ट सर्किट के टूरिस्ट एरिया को विश्व

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 28 Apr 2015 11:25 AM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2015 11:27 AM (IST)
काशी अब होगी स्मार्ट सिटी

वाराणसी। पीएम नरेंद्र मोदी की पहल पर काशी को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का सपना अब जल्द साकार रूप लेगा। वाराणसी में हेरिटेज जोन से क्योटो इसकी शुरुआत करेगा। इसमें राजघाट से अस्सी घाट तक तकरीबन 16 किलोमीटर तथा सारनाथ में बुद्धिस्ट सर्किट के टूरिस्ट एरिया को विश्व स्तरीय बनाकर टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्रस्ताव शामिल होगा। जापानी तकनीक से सालिड वेस्ट जरिए एनर्जी जेनेरेशन प्लांट निर्माण में भी क्योटो भरपूर सहयोग करेगा। पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर ही इस पूरे अभियान को जल्द मूर्तरूप दिया जाएगा।

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भारत-जापान सरकार का वर्किंग ग्रुप भारत व जापान सरकार के मध्य काशी-क्योटो समझौते को आकार देने के लिए केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रवीण प्रकाश के नेतृत्व में एक दल जापान गया था। वहां का दौरा कर लौटे दल के सदस्य महापौर रामगोपाल मोहले संग प्रशासनिक अधिकारी सोमवार को मंडलायुक्त सभागार में मीडिया से मुखातिब हुए। कमिश्नर आरएम श्रीवास्तव, जिलाधिकारी प्रांजल यादव और नगर आयुक्त उमाकांत त्रिपाठी ने अपने अनुभवों को साझा किया। बताया कि क्योटो-काशी समझौते-प्रस्तावों को अमल में लाने, देख-रेख और आपसी सामंजस्य व आवश्यक अनुश्रवण के लिए काशी-क्योटो के तीन-तीन सदस्यों की समन्वय समिति गठित की जाएगी। इस समिति में एक जापान सरकार व एक भारत सरकार के सदस्यों को शामिल कर आठ सदस्यीय वर्किंग ग्रुप गठित किया जाएगा।

जायका के जरिए मूर्तरूप -

काशी को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद को अमलीजामा पहनाने के साथ परियोजना को जायका (जापान) प्रोजेक्ट के जरिए ही मूर्तरूप दिया जाएगा। इस काम में भारत में जायका के प्रोजेक्ट प्रमुख ईवाई नाबुओ ने हर स्तर पर सहयोग का भरोसा दिलाया है।

क्या कुछ खास किए जाएंगे इंतजाम -

वाराणसी में हेरिटेज जोन के विकास में गंगा घाट का तकरीबन 16 वर्ग किमी क्षेत्र तथा सारनाथ क्षेत्र का समग्र विकास किया जाएगा। संबंधित क्षेत्रों के पुनर्विकास तथा नवनिर्माण में सड़कों व गलियों के साथ ही फुटपाथ का भी काम शामिल होगा। विद्युत केबिल के लिए डक्ट बनाकर अंडरग्राउंड करना, सुंदर मार्ग, प्रकाश व्यवस्था के साथ पुरानी सीवर और पेयजल लाइन को बदलना, कूड़े का 24 घंटे में निस्तारण के तहत ट्रांसपोर्ट कर हटाने का इंतजाम होगा। सभी सरकारी और निजी हेरिटेज भवनों का विकास, नगर निगम को सालिड वेस्ट से एनर्जी जेनेरेशन प्लांट निर्माण में सहयोग व जापानी तकनीक के अनुसार स्थापित कर संचालन किया जाएगा। सारनाथ बुद्धिस्ट टूरिस्ट एरिया विश्वस्तरीय बनाकर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही बनारस ङ्क्षहदू यूनिवर्सिटी-क्योटो यूनिवर्सिटी के समस्त विभागों सहित अम्ब्रेला एग्रीमेंट को प्रभावी रूप दिया जाएगा।

पायलट प्रोजेक्ट, हफ्तेभर में इस्टीमेट-

डीएम ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट में पाथ-वे 81 किमी, 18 किमी में साफ-सफाई, भवनों के रंग में एकरूपता, सालिड वेस्ट, एसटीपी, रोड मैप आदि का रफ इस्टीमेट हफ्तेभर में तैयार कर लिया जाएगा। जायका को इसे हैंडओवर भी कर दिया जाएगा। इसके बाद जायका की टीम यहां आकर विश्लेषण करेगी। इसके आधार पर फंडिंग करने की व्यवस्था होगी। इस पूरी प्रक्रिया के मूर्तरूप लेने की शुरुआत होने में सात से आठ माह का वक्त लगेगा।


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