Move to Jagran APP

जयगुरुदेव आश्रम में आस्था का संगम

जयगुरुदेव आश्रम के पांच दिवसीय वार्षिक भंडारे में पहले दिन ही आस्था का संगम दिखाई दिया। बाबा की समाधि को प्रणाम कर शिष्यों की आंखें भर आईं। रंग-बिरंगी विद्युत रोशनी से जगमग करते हुए मंदिर को देख कर लग रहा है तारे जमीं पर उतर आए हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 29 Nov 2014 01:28 PM (IST)Updated: Sat, 29 Nov 2014 04:15 PM (IST)

मथुरा। जयगुरुदेव आश्रम के पांच दिवसीय वार्षिक भंडारे में पहले दिन ही आस्था का संगम दिखाई दिया। बाबा की समाधि को प्रणाम कर शिष्यों की आंखें भर आईं। रंग-बिरंगी विद्युत रोशनी से जगमग करते हुए मंदिर को देख कर लग रहा है तारे जमीं पर उतर आए हैं।

loksabha election banner

जयगुरुदेव आश्रम पर शुरू हुए वार्षिक भंडारे में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आए हैं। बाबा की तपस्थली इनके लिए धार्मिक स्थल है। यहां आने के बाद वह सबसे पहले बाबा की समाधि के ही दर्शन करते दिख रहे थे। सत्संग शुरू होते ही आस्था की लहरें आसमान को छूने लगीं।

नाम योग साधना मंदिर में श्रद्धालु साधना करते रहे। वहीं बाबा की गाड़ी भी श्रद्धालुओं के लिए मंदिर बन गई। इसमें लगे बाबा के फोटो के दर्शन करने को श्रद्धालुओं में होड़ मची रही। बाबा के रंग में ऐसे रंगते है मानो वह अलग दुनियां में सैर कर रहे हैं। सत्संग-मेला के पहले दिन डॉ. करुणाकांत ने बाबा के वचनों को याद कराया। उन्होंने कहा कि कलयुग में जो महापुरुष आए, उन्होंने जीवों पर संस्कार डाला और कुछ लोगों को निजघर पहुंचाया। बाबा जयगुरुदेव महाराज ने बीस करोड़ से अधिक लोगों को प्रभु प्राप्ति का रास्ता बताया। मन की आदत को सत्संग द्वारा बदला जाता है।

उपदेशक सतीश चंद्र ने कहा कि बाबा जयगुरुदेव महाराज चाहते थे कि एक नया समाज भक्तों, प्रेमियों, सत्यवादियों, चरित्रवालों का बने। इसके बिना झगड़ा-झंझट खत्म नहीं होगा। एक तरफ अच्छा समाज बनता जाएगा तो दूसरी तरफ बुरा समाज खत्म होता जाएगा। बुरे से अच्छे में जाओगे तो समाज में बुरे खत्म होंगे। लोग भौतिक एवं आध्यात्मिक उन्नति के शिखर पर पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि बाबा के शाकाहार-सदाचार अभियान से जुड़कर अपना योगदान दें और यश के भागीदार बनें।

शाकाहार-सदाचार हो हुईं गोष्ठियां शाकाहार-सदाचार को फैलाने व अच्छे समाज के निर्माण, कार्यो के विस्तार व सहयोग लिए गोष्ठियां की गईं। गोष्ठियों के द्वारा लोगों को अभियान में जोडऩे की योजना बनाई गयी। मेले में भाग लेने के लिये श्रद्धालु चले आ रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.