माना जाता है कि इसी दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ
माना जाता है कि इसी दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ। इस दिन पवित्र नदियों व तीर्थ स्थलों में स्नान करने का भी विधान है।
स्वामी विवेकानंद को हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के बीच रहना बेहद पसंद था, क्योंकि वहां वे निरंतर मौन से संवाद करते रहते थे। जब भी उन्हें देश और समाज की समस्याएं परेशान करतीं, वे मौन धारण कर लेते।
मौन में बड़ी शक्ति है। तभी तो मौनं सर्वार्थ साधनम कहा गया है। मौन रहने से विरोधी भी परास्त हो जाते हैं। दरअसल, यह अंतर्मन की शक्ति को संग्रहीत कर हमें ऊर्जावान बनाता है। हमारे अंतर्मन में विचारों के जो झंझावात उठते रहते हैं, मौन उन्हें शांति और शाीतलता प्रदान करता है। जब हम मौन होते हैं, तो औरों से तो संवाद टूट जाता है, लेकिन हम ईश्र्वर और प्रकृति से अधिक जुड़ जाते हैं। 27 जनवरी को मौनी अमावस्या है।
इंद्रियों को अपने वश में रखने के लिए इस दिन श्रद्धालुओं के मौन व्रत रखने का भी विधान है। वास्तव में वाणी को संयत करना ही मौन व्रत है। माना जाता है कि इसी दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ। इस दिन पवित्र नदियों व तीर्थ स्थलों में स्नान करने का भी विधान है।