इस्कॉन मंदिर का स्थापना दिवस महोत्सव आज से
इस्कॉन मंदिर का 40वां स्थापना दिवस 28 मार्च को है। इसे लेकर मंगलवार से पांच दिवसीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया है। इसमें भाग लेने को विश्वभर के इस्कॉन प्रेमी विदेशी भक्त बड़े पैमाने पर वृंदावन आ चुके हैं। वर्ष 1975 में भक्ति वेदांत श्रील प्रभुपाद ने इस मंदिर की
वृंदावन। इस्कॉन मंदिर का 40वां स्थापना दिवस 28 मार्च को है। इसे लेकर मंगलवार से पांच दिवसीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया है। इसमें भाग लेने को विश्वभर के इस्कॉन प्रेमी विदेशी भक्त बड़े पैमाने पर वृंदावन आ चुके हैं। वर्ष 1975 में भक्ति वेदांत श्रील प्रभुपाद ने इस मंदिर की स्थापना कराई।
स्थापना के चालीस वर्ष पूरे होने पर मंदिर को भव्य तरीके से देसी और विदेशी फूलों से सजाया जा रहा है। इसमें भाग लेने को विश्व के विभिन्न देशों अमेरिका, रूस, जापान, कनाडा, सिंगापुर, हांगकांग, मलेशिया, इटली, प्रांस, जर्मनी आदि देशों के सैकड़ों भक्त आ चुके हैं। अनेक देशों के लोग शाम तक वृंदावन पहुंच रहे हैं। मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी दीनबंधु दास ने बताया कि 24 मार्च को प्रथम दिन मंदिर के इतिहास के बारे में विदेशी भक्तों को जानकारी दी जाएगी। इसके बाद मणिपुरी नृत्य और रासलीला होगी।
25 को सुबह भागवत प्रवचन और शाम को कलाकार भरत दास भारत नाट्यम की प्रस्तुति देंगे। इसी दिन 'वृंदावन इज माई होमÓ पुस्तक का विमोचन किया जाएगा। 26 मार्च को ब्रज रास कीर्तन मेला होगा, 27 को इस्कॉन गौशाला से भव्य शोभायात्र निकाली जाएगी, शाम को चैतन्य महाप्रभु के भजन और लीला का मंचन किया जाएगा।
28 मार्च को सुबह 10 बजे ठाकुरजी का महाभिषेक, ब्रज रास कीर्तन मेला और शाम को चलचित्र की मदद से ठाकुरजी की रासलीला के दर्शन, मास्को के भक्त निमाई कथा पर आधारित लीला का मंचन करेंगे।