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इंद्रदेव ने शिवजी का जलाभिषेक किया

सावन के पहले सोमवार को इंद्रदेव ने शिवजी का जलाभिषेक किया। शिवालयों में पूजन के लिए सुबह से ही भक्तों का जनसैलाब उमड़ा। मंदिरों में भोलेनाथ का मनमोहक श्रृंगार कर उन्हें भोग अर्पित किए गए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2015 11:55 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2015 12:07 PM (IST)
इंद्रदेव ने शिवजी का जलाभिषेक किया

सागर। कल सावन के पहले सोमवार को इंद्रदेव ने शिवजी का जलाभिषेक किया। शिवालयों में पूजन के लिए सुबह से ही भक्तों का जनसैलाब उमड़ा। मंदिरों में भोलेनाथ का मनमोहक श्रृंगार कर उन्हें भोग अर्पित किए गए। नगर में जगह-जगह पार्थिव शिवलिंग निर्माण किए गए। कल सोमवार सुबह 5 बजे से ही भगवान भोलेनाथ का अभिषेक होना शुरू हो गया था। शिवालयों में भगवान भोलेनाथ को जल-फल, बिल्वपत्र और फूल अर्पित करने के लिए भक्तों की कतारें लगी रही। नगर के भूतेश्वर मंदिर में भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ दिखी।

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यहां भगवान शिवजी के पूजन के लिए सुबह 6 बजे से मंदिर के गेट के बाहर तक भक्तों की कतारे लगी हुई दिखी। कैलाश पर्वत की सजी झांकी बड़ा बाजार स्थित देव धनेश्वर मंदिर में कैलाश पर्वत की मनमोहक झांकी सजाई गई, जिसके दर्शनों के लिए यहां भक्तों की भीड़ लगी रही। शिवजी की आरती के दौरान यहां भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं भूतेश्वर मंदिर में भगवान भोलेनाथ का धतूरे के फूल एवं बेलपत्री से श्रृंगार किया गया। लोगों ने यहां शिवजी का दूध, दही और शहद से अभिषेक किया। शिवलिंग बने हुआ शिव महापुराण का पाठ शहर के बाइसा मुहाल, भूतेश्वर मंदिर एवं देव गौरीशंकर मंदिर में सुबह से पार्थिव शिवलिंग का निर्माण हुआ। वहीं भीतर बाजार स्थित देव गौरीशंकर मंदिर में शाम के समय शिव महापुराण पाठ का आयोजन किया गया, जिसे सुनने के लिए यहां बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे।


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