राम मंदिर के लिए पत्थर तराशी अंतिम दौर में
रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की मुहिम फिर फलक पर उभरने का संकेत दे रहा है। विश्व हिंदू परिषद नेतृत्व पत्थर तराशी का काम तेज करने की तैयारी मैं है। बुधवार को विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक अशोक सिंघल ने रामघाट स्थित रामजन्मभूमि न्यास कार्यशाला का जायजा लिया और कार्यशाला के प्रभारी
अयोध्या। रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की मुहिम फिर फलक पर उभरने का संकेत दे रहा है। विश्व हिंदू परिषद नेतृत्व पत्थर तराशी का काम तेज करने की तैयारी मैं है। बुधवार को विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक अशोक सिंघल ने रामघाट स्थित रामजन्मभूमि न्यास कार्यशाला का जायजा लिया और कार्यशाला के प्रभारी अन्नू भाई सोमपुरा को आवश्यक निर्देश दिए।
सितंबर, 1990 से संचालित न्यास कार्यशाला में प्रस्तावित मानचित्र के अनुरूप मंदिर के लिए पत्थर तराशी का काम फिलहाल अंतिम दौर में है। 125 फीट ऊंचे, 265 फीट लंबे व 140 फीट चौड़े मंदिर में लगने वाले सभी 212 स्तंभ को निश्चित आकार दिया जा चुका है पर उसमें नक्काशी का काम अभी बाकी है। प्रथम तल में 106 और दूसरे तल में इतने ही स्तंभ लगने हैं। प्रथम तल के स्तंभों की ऊंचाई जहां 16 फीट छह इंच है, वहीं दूसरे तल की 14 फीट छह इंच पर नक्काशी एक जैसी ही है। प्रत्येक स्तंभों पर यक्ष-यक्षिणियों की 16 मूर्तियां उत्कीर्ण होनी हैं। सिंहद्वार, नृत्यमंडप, रंगमंडप एवं गर्भगृह के लिए भी पत्थरों की तराशी का काम पूरा हो चुका है। कार्यशाला प्रभारी के अनुसार करीब 25-30 फीसद पत्थर तराशी का काम बाकी रह गया है। इनमें शिखर और बीम के पत्थरों को तराशा जाना प्रमुख रूप से शेष रह गया है।