उत्तराखंड में मंदिरों के अलावा भी है कई खूबसूरत पर्यटक स्थल
पर्यटन स्थल पौडी। श्रीनगर से 29 किमी की सीधी उचाई पर स्थित है पर्यटन स्थल पौडी। इसे अंग्रेजों का बसाया शहर भी कहते हैं। यह धार्मिक व पर्यटन दोनों के ही लिहाज से अपनी छवि बनाए हुए है। शहर के बीच में लक्ष्मी नारायण भगवान का पवित्र मंदिर तो शहर
देहरादून। पर्यटन स्थल पौडी। श्रीनगर से 29 किमी की सीधी उचाई पर स्थित है पर्यटन स्थल पौडी। इसे अंग्रेजों का बसाया शहर भी कहते हैं। यह धार्मिक व पर्यटन दोनों के ही लिहाज से अपनी छवि बनाए हुए है। शहर के बीच में लक्ष्मी नारायण भगवान का पवित्र मंदिर तो शहर के उपरी भाग का वनाें से अच्छादित होना शहर की खूबसूरती को चार चांद लगाए हुए है। हल्की बारिश हुई तो सीधे ठंड की दस्तक। इन दिनों यहां का मौसम भी खुशनुमा हो चला है। सामने हिमालय की बफीर्ली हवाएं तो सकून देने वाली है। रात्रि ठहराव की यहां सभी उचित व्यवस्थाएं हें।
उत्तराखंड में पौडी मुख्यालय से 19 किमी तथा श्रीनगर से करीब 23 किमी की दूरी पर स्थित है पर्यटन स्थल खिर्सू। चारों ओर बांज बुरांश के जंगल और सामने हिमालय का दीदार यहां मुख्य आकर्षण का केंद्र रहता है। मैदानों में पारा चढा तो यहां जंगल के बीच में बसे पर्यटन स्थल में पर्यटकों की आवाजाही भी शुरु हो गई। एक सप्ताह के भीतर यहां दो सौ से अधिक सैलानियों ने दीदार किया। यहां स्थित पार्क और इसके चारो ओर हरा जंगल मौसम को खुशनुमा बनाए हुए है। यहां छोटे या बडे सभी प्रकार के वाहनों से पहुंचा जा सकता है। रात्रि विश्राम के लिए भी वन विभाग, जीएमवीएन के गेस्ट हाउस के साथ ही स्थानीय लोगों के छोटे लॉज भी हैं।
पर्यटन स्थल कंडोलिया- मंडल मुख्यालय पौडी के शीर्ष में स्थित है पर्यटन स्थल कंडोलिया। यहां छोटे बडे सभी प्रकार के वाहनों से आसानी से पहुंचा जा सकता है। बांज-बुरांश के हरे जंगलों के बीच साफ सुथरी सडक और बीच में मनोरंजन के लिए बना पार्क खास बच्चों की पहली पसंद रहता है। इन दिनों गर्मियों ने मैदानों में जीना मुश्किल हुआ तो जंगलों के बीच बसे कंडोलिया में खुशुनुमा हो चले मौसम के बीच चहल'कदमी भी बढ गई है। यहां से हिमालय का करीब से दीदार होता है। ऐशिया के सबसे उचाई में स्थित रांसी स्टेडियम भी यहां से महज आधा किमी की दूरी पर स्थित है। भोजन आदि के लिए यहां छोटा बाजार भी है।
अंछरीखाल धार्मिक पर्यटन स्थल- पौडी-देवप्रयाग मोटर मार्ग पर मुख्यालय से करीब चार किमी की दूरी पर स्थित है अछरीखाल। यहां मां वैष्णो देवी का मंदिर भी है। गर्मियों में इन दिनों यहां हिमालय से चलने वाली ठंडी हवा और चारों तरफ जंगल मौसम को खुशनुमा बनाए हुए है। विशेषकर यात्राकाल में देवप्रयाग- श्रीनगर के बीच मोटर मार्ग बंद होने पर यात्री इसी मार्ग से गुजर कर अपने गंतव्यों को पहुंचते हैं। यहां पर रहने की व्यवस्था तो नहीं है लेकिन यहां की शांत वादियां और खुशनुमा हुए मौसम से इन दिनों काफी चहल पहल बनी हुई है।
कंडोलिया मंदिर- पर्यटन स्थल कंडोलिया में स्थित बाबा कंडोलिया का प्राचीन मंदिर धार्मिक पर्यटन के लिहाज से इन दिनों बेहतर है। पौडी मुख्यालय के शीर्ष में सडक मार्ग से महज सौ मीटर की पैदल दूरी पर स्थित यह मंदिर भी चारों तरफ बांज-बुरांश के जंगलों से घिरा है। आस'पास पार्क और शांत वादियों के बीच ठंडक भरा मौसम से इन दिनों यहां काफी तादाद में हर रोज लोग पूजा अर्चना के साथ ही गर्मी से निजात दिलाने के लिए पहुंचते हैं।
पर्यटन स्थल गगवाडस्यू- मुख्यालय से सटे गगवाडस्यू क्षेत्र की सुंदरता देखते ही बनती है। चारों तरफ जंगल और घाटी का दिलकश नजारा टेका रोड से देखते ही बनता है। इसके अलावा सनसेट का दृश्य तो पर्यटकों की पहली पसंद रहता है। सांय को पौडी मुख्यालय से लोगों घाटी का दीदार करने इस क्षेत्र में पहंचते हैं। घाटी के गांव में कृषि आजीविका का साधन है लेकिन खूब सूरती यहां के गांवों को चार चांद लगाने वाला है। मुख्यालय से यहां छोटे बडे सभी वाहनों से पहुंचा जाता है। यात्री निवास के लिए पौडी में पर्याप्त होटल लॉज हैं।
धार्मिक व पर्यटन स्थल क्यूकालेश्वर- पौडी मुख्यालय के शीर्ष में स्थित क्यूकालेश्वर एक धार्मिक स्थान है। यहां क्यूकालेश्वर नाम से मंदिर भी है जहां लोग वर्ष भर पूजा के लिए आते हैं। चारों और घने जंगलों के बीच बसे होने के कारण इन दिनों यहां का मौसम राहत देने जैसा है। मुख्यालय से करी तीन किमी की उचाई पर यहां तक पहुंचने के लिए वाहन आसानी से आ जा सकते हैं। सामने हिमालय का दिलकश नजारा हर किसी को अपनी और बर्वस ही आकर्षित करता है। इन दिनों यहां भी आवाजाही बढ गई है।