Move to Jagran APP

सिंहस्थ में गुरु चांडाल योग बनेगा, निवारण के लिए उज्जैन में गुप्त अनुष्ठान

सिंहस्थ के दौरान गुरु चांडाल योग व शनि-मंगल की युति के विपरीत प्रभाव को समाप्त करने तथा विश्वकल्याण के लिए शारदीय नवरात्रि से गुप्त अनुष्ठान जारी है। नगर के प्रमुख मंदिरों में पूजा-प्रार्थना का दौर चल रहा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2016 12:54 PM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2016 01:03 PM (IST)

उज्जैन। सिंहस्थ के दौरान गुरु चांडाल योग व शनि-मंगल की युति के विपरीत प्रभाव को समाप्त करने तथा विश्वकल्याण के लिए शारदीय नवरात्रि से गुप्त अनुष्ठान जारी है। नगर के प्रमुख मंदिरों में पूजा-प्रार्थना का दौर चल रहा है।

loksabha election banner

ज्योतिर्विद पं.आनंदशंकर व्यास के अनुसार 20 फरवरी से राहु-गुरु का चांडाल योग तथा 29 फरवरी से वृश्चिक राशि में शनि-मंगल की युति शुरू होगी। ऐसे योगों में तीर्थ क्षेत्र में धार्मिक संघर्ष, आसामाजिक तत्वों के उपद्रव, रोगों की उत्पत्ति तथा भगदड़ आदि से जन-धन आदि की संभावना बनती है।

सिंहस्थ महापर्व निर्विघ्न संपन्न् हो सके इसके लिए नवरात्रि से साढ़े छह माह के लिए पूजा-प्रार्थना के द्वारा गुप्त अनुष्ठान जारी है। अनुष्ठान का आरंभ बड़े गणेश मंदिर में संकल्प पूजन के बाद महाकाल मंदिर के सभामंडप में स्थित माता अवंतिका की पूजा-अर्चना तथा संपुटित सप्तशक्ति पाठ से किया गया।

न मंदिरों में पूजा

अनुष्ठान अंतर्गत षड्विनायक, अष्ट महाभैरव, अट्ठावीस तीर्थ, 84 महादेव, नौ नारायण, सिद्ध देवी मंदिर, सप्त सागर, नवग्रह तथा सांदीपनि आश्रम में पूजा-प्रार्थना की जा रही है। इसमें नगर के ज्ञात-अज्ञात देवी-देवताओं का पूजन भी किया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.