सिंहस्थ में गुरु चांडाल योग बनेगा, निवारण के लिए उज्जैन में गुप्त अनुष्ठान
सिंहस्थ के दौरान गुरु चांडाल योग व शनि-मंगल की युति के विपरीत प्रभाव को समाप्त करने तथा विश्वकल्याण के लिए शारदीय नवरात्रि से गुप्त अनुष्ठान जारी है। नगर के प्रमुख मंदिरों में पूजा-प्रार्थना का दौर चल रहा है।
उज्जैन। सिंहस्थ के दौरान गुरु चांडाल योग व शनि-मंगल की युति के विपरीत प्रभाव को समाप्त करने तथा विश्वकल्याण के लिए शारदीय नवरात्रि से गुप्त अनुष्ठान जारी है। नगर के प्रमुख मंदिरों में पूजा-प्रार्थना का दौर चल रहा है।
ज्योतिर्विद पं.आनंदशंकर व्यास के अनुसार 20 फरवरी से राहु-गुरु का चांडाल योग तथा 29 फरवरी से वृश्चिक राशि में शनि-मंगल की युति शुरू होगी। ऐसे योगों में तीर्थ क्षेत्र में धार्मिक संघर्ष, आसामाजिक तत्वों के उपद्रव, रोगों की उत्पत्ति तथा भगदड़ आदि से जन-धन आदि की संभावना बनती है।
सिंहस्थ महापर्व निर्विघ्न संपन्न् हो सके इसके लिए नवरात्रि से साढ़े छह माह के लिए पूजा-प्रार्थना के द्वारा गुप्त अनुष्ठान जारी है। अनुष्ठान का आरंभ बड़े गणेश मंदिर में संकल्प पूजन के बाद महाकाल मंदिर के सभामंडप में स्थित माता अवंतिका की पूजा-अर्चना तथा संपुटित सप्तशक्ति पाठ से किया गया।
न मंदिरों में पूजा
अनुष्ठान अंतर्गत षड्विनायक, अष्ट महाभैरव, अट्ठावीस तीर्थ, 84 महादेव, नौ नारायण, सिद्ध देवी मंदिर, सप्त सागर, नवग्रह तथा सांदीपनि आश्रम में पूजा-प्रार्थना की जा रही है। इसमें नगर के ज्ञात-अज्ञात देवी-देवताओं का पूजन भी किया जा रहा है।