द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद
द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट आज सुबह 11 बजे पूरे विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं, अब भोले बाबा की पूजा पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में होगी। भक्त यहीं पर भगवान के दर्शन कर सकते हैं।
रुद्रप्रयाग। द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट आज सुबह 11 बजे पूरे विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं, अब भोले बाबा की पूजा पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में होगी। भक्त यहीं पर भगवान के दर्शन कर सकते हैं। वहीं, केन्द्रीय मंत्री उमा भारती भी गत रात्रि को मंदिर में आरती में शामिल हुई और आज डोली के साथ गौंडार पहुंची।
तय समय के अनुसार सुबह साढ़े सात बजे मंदिर के मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू की। भगवान का श्रृंगार किया गया तथा भोग लगाया गया। साढ़े दस बजे डोली मंदिर के मुख्य द्वार से बाहर आई। इसके बाद 11 बजे कपाट बंद कर दिए गए। इस दौरान दो सौ से अधिक भक्त मौजूद थे।
डोली ने मंदिर की परिक्रमा की और अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए चल पड़ी। इस मौके पर भक्तों ने मद्महेश्वर भगवान के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। डोली लगभग तीन बजे गौंडार पहुंची। कल डोली रांसी पहुंचगी, 26 नवंबर को गिरियां, तथा 27 नवंबर को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। डोली के आगमन पर ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में तीन दिवसीय मेले का आयोजन मंदिर समिति द्वारा किया गया है।
वहीं, कपाट बंद होने के अवसर पर केन्द्रीय मंत्री उमा भारती भी मौजूद रही, इससे पूर्व बीते रोज उमा भारती रांसी से पैदल रास्ते पालकी से मद्महेश्वर पहुंची तथा शाम की आरती में शामिल हुई। सुबह मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर समिति के कर्मचारियों के साथ ही पूर्व दर्जाधारी दिनेश बगवाड़ी, सूरत राम नौटियाल समेत बड़ी संख्या में भक्त भी मौजूद थे।
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