दीपावली मनाएंगी निराश्रित विधवाएं
सरकारी आश्रय सदनों में रहने वाली निराश्रित महिलाओं ने पहले कान्हा संग और आपस में होली खेली, फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राखी बांधने दिल्ली गईं। पिछले दिनों कोलकाता में दुर्गा पूजा महोत्सव में शामिल होकर लौटने के बाद अब वे दीपावली पर सतरंगी फुलझड़ियां छुड़ाकर दामन में खुशियां समेटने की कोशिश करेंगी। भूत गल
वृंदावन। सरकारी आश्रय सदनों में रहने वाली निराश्रित महिलाओं ने पहले कान्हा संग और आपस में होली खेली, फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राखी बांधने दिल्ली गईं। पिछले दिनों कोलकाता में दुर्गा पूजा महोत्सव में शामिल होकर लौटने के बाद अब वे दीपावली पर सतरंगी फुलझड़ियां छुड़ाकर दामन में खुशियां समेटने की कोशिश करेंगी।
भूत गली और चैतन्य बिहार के आश्रय सदनों में रहने वाली निराश्रित महिलाओं में करीब 80 फीसद विधवाएं हैं। दीपावली पर ये अंधविश्वास और दमनकारी परंपराओं को तोड़ते हुए खुशी और उल्लास के दीप जलाएंगी। इनकी मदद करने वाली एनजीओ सुलभ इंटरनेशनल के मीडिया प्रभारी मदन झा ने बताया कि दीपावली की तैयारी यहां सरकारी आश्रय सदनों में शुरू हो गई है। दीपावली के दो दिन पहले यानि 21 अक्टूबर से कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। आश्रय सदन दीपक और तरह-तरह की झालरों से सजाए जाएंगे। इस दौरान करीब ढाई लाख के पटाखे और फुलझड़ियां यहां छोड़े जाएंगे। ये दिल्ली से मंगाए जा रहे हैं। सुलभ इंटरनेशनल के सदस्यों का मानना है कि आश्रय सदन के दीपावली मनाने का उद्देश्य इन विधवाओं के जीवन में प्रकाश और खुशी भरना है। मुख्य कार्यक्रम मीरा सहभागिनी आश्रम में किया जाएगा। आयोजन को लेकर निराश्रित महिलाएं खुश हैं।
गौरतलब है, संस्था सुलभ सरकारी आश्रय सदनों में रहने वाली करीब एक हजार विधवाओं को जीवन यापन के लिए 2000 रुपए प्रति माह भी देता है।