Move to Jagran APP

धर्माचार्यो की मत भिन्नता घातक

साईं पूजा हो या धर्मातरण का मामला, गंगा-यमुना प्रदूषण जैसे मुद्दों पर धर्माचार्यो का एकमत न होना घातक सिद्ध हो रहा है। एक धर्माचार्य जिसकी पैरवी करते हैं दूसरा उसके विरोध में खड़ा हो जाता है। सनातन धर्म के अनुयायी इससे असमंजस में फंसे रहते हैं, जिससे धार्मिक पतन होता

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 30 Jan 2015 09:48 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jan 2015 09:52 AM (IST)
धर्माचार्यो की मत भिन्नता घातक

इलाहाबाद। साईं पूजा हो या धर्मातरण का मामला, गंगा-यमुना प्रदूषण जैसे मुद्दों पर धर्माचार्यो का एकमत न होना घातक सिद्ध हो रहा है। एक धर्माचार्य जिसकी पैरवी करते हैं दूसरा उसके विरोध में खड़ा हो जाता है। सनातन धर्म के अनुयायी इससे असमंजस में फंसे रहते हैं, जिससे धार्मिक पतन होता है।

loksabha election banner

दंडी संन्यासी समिति के संरक्षक जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम जी महाराज ने गंगोली शिवाला मार्ग स्थित अपने शिविर में उक्त बातें कही। कहा कि आपसी मतभिन्नता के चलते गौ, गंगा-यमुना व गायत्री रक्षा की मुहिम अधर में है, लगातार आवाज उठाने के बावजूद किसी समस्या का समाधान नहीं हुआ। साईं पूजा का विरोध करते हुए कहा कि उनकी प्रतिमा देवी-देवताओं के साथ लगी तो उसका कड़ा विरोध करेंगे। उन्होंने इसके लिए अपने अनुयायियों को निर्देश दिया है कि जहां देवी-देवताओं के साथ सरई की प्रतिमा लगी है उसे हटवाएं। इसको लेकर शासन से भी बात की जाएगी। हां उनके भक्त अगल से सिर्फ साईं की प्रतिमा लगाकर पूजन करना चाहते हैं तो इसमें हमें कोई एतराज नहीं है। लेकिन उस मंदिर में हमारे देवी-देवताओं की प्रतिमा न हो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.