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श्रद्धालुओं ने कहा, बांकेबिहारी के आराम में पड़ा खलल

गुरु पूर्णिमा से पहले बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा तो सेवायतों ने भी तय समय से पहले दर्शन खोल नियमों का उल्लंघन किया। हालांकि प्रबंध कमेटी इस तरह के मौके पर कुछ समय पहले दर्शन खोले जाने के नियम बता रही है, लेकिन बांकेबिहारी के भक्त इसे सेवायत

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2015 05:04 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2015 05:08 PM (IST)

वृंदावन। गुरु पूर्णिमा से पहले बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा तो सेवायतों ने भी तय समय से पहले दर्शन खोल नियमों का उल्लंघन किया। हालांकि प्रबंध कमेटी इस तरह के मौके पर कुछ समय पहले दर्शन खोले जाने के नियम बता रही है, लेकिन बांकेबिहारी के भक्त इसे सेवायत की मनमानी करार दे रहे हैं।

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बांकेबिहारी मंदिर में मंगलवार की शाम पट खुलने से पहले ही श्रद्धालुओं का भारी सैलाब उमड़ पड़ा। जिसे देख शयन भोग सेवाधिकारी ने तय समय साढ़े पांच बजे से पंद्रह मिनट पूर्व पांच बजकर 15 मिनट पर ही मंदिर के पट खोल दिए। जिसे देख श्रद्धालु आश्चर्य में पड़ गए। दिल्ली के करोलबाग निवासी दे¨वदरपाल सिंह कहते हैं दर्शन तय समय पर ही खुलने चाहिए, भले ही भीड़ अधिक थी, लेकिन ठाकुरजी के आराम में खलल डालने का हक किसी को नहीं दिया जा सकता। सायं तीन बजे से बांकेबिहारीजी मंदिर पर दर्शन का इंतजार कर रहे नोएडा से आए मिश्र ने कहा कि दर्शन जल्दी मिलने से सहूलियत तो हुई, लेकिन मंदिर की मर्यादा और ठाकुरजी के आराम में खलल उचित नहीं।

मंदिर प्रबंधक उमेश सारस्वत से जब इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने बताया कि नियम के अनुसार पर्व-उत्सव के अलावा जिन दिनों भीड़ का दवाब अधिक होता है तय समय से पंद्रह मिनट पहले और बाद तक मंदिर के पट खोलने का अधिकार सेवायत को भी है और जरूरत पड़ने पर प्रबंध कमेटी भी इस तरह के आदेश पारित करती रही है।


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