गंगोत्री हाईवे में 52 डेंजर जोन, 12 सक्रिय भूस्खलन वाले हिस्से
ऋषिकेश से गंगोत्री धाम तक 251 किमी में 52 डेंजर जोन के साथ ही 13 सक्त्रिय भूस्खलन वाले हिस्से हैं। यमुनोत्री राजमार्ग पर बड़कोट से जानकीचट्टी तक 45 किमी का हिस्से में 20 से भी ज्यादा डेंजर जोन है। ऐसे में गंगोत्री व यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सफर करना कतई आसान और सुरक्षित नहीं है। उत्तरकाशी जिले की सीमा के तहत चिन्
उत्तरकाशी। ऋषिकेश से गंगोत्री धाम तक 251 किमी में 52 डेंजर जोन के साथ ही 13 सक्त्रिय भूस्खलन वाले हिस्से हैं। यमुनोत्री राजमार्ग पर बड़कोट से जानकीचट्टी तक 45 किमी का हिस्से में 20 से भी ज्यादा डेंजर जोन है। ऐसे में गंगोत्री व यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सफर करना कतई आसान और सुरक्षित नहीं है।
उत्तरकाशी जिले की सीमा के तहत चिन्यालीसौड़ से गंगोत्री तक 135 किमी गंगोत्री राजमार्ग में आता है। लेकिन, यहां 80 फीसद सड़क आवाजाही के लिहाज से बेहद खतरनाक बनी हुई है। ऋषिकेश से शुरू होने वाले गंगोत्री नेशनल हाईवे पर नगुण तक टिहरी जिले की सीमा में ही सात जगहों पर भूस्खलन जोन हाईवे के लिए नासूर बने हुए हैं। नगुण के बाद उत्तरकाशी जनपद में हाईवे की हालत और ज्यादा खराब है। नालूपाणी, बड़ेथी व बंदरकोट में हल्की बारिश में भी भूस्खलन का मलबा वाहनों की आवाजाही रोक देता है। उत्तरकाशी के बाद गंगोत्री तक सौ किमी के हाईवे पर करीब 80 फीसदी हिस्सा बेहद खतरनाक है। राजमार्ग को सुरक्षित करना प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। लंबे समय तक बीआरओ के पास रहे गंगोत्री राजमार्ग का भटवाड़ी से गंगोत्री तक का हिस्सा लोनिवि को दिया गया। लेकिन, हालत अभी भी जस की तस है। उत्तरकाशी नगर क्षेत्र में बड़ेथी के निकट गंगोत्री हाईवे पर सक्रिय नया भूस्खलन जोन भी हाईवे के लिये नासूर बनता जा रहा है। यमुनोत्री राजमार्ग पर 20 से भी ज्यादा डेंजर जोन। ऋषिकेश से चंबा-65 किमी डेंजर जोन
चंबा से नगुण 55 किमी डेंजर जोन 4नगुण से देवीधार-18 किमी डेंजर जोन- 71देवीधार से उत्तरकाशी-15 किमी-डेंजर जोन-51उत्तरकाशी से भटवाड़ी-34 किमी डेंजर जोन-12