तो इस तरह बन रहा नया केदारनाथ
केदारनाथ में सरकार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के तहत कार्य करेगी। इसके लिए दो डिविजन बनाए जाएंगे, जिसमें लोक निर्माण विभाग व सिंचाई विभाग से इंजीनियर डेपुटेशन पर नियुक्त किए जाएंगे। नेहरू पर्वतारोहण दल कार्यदायी संस्था के रुप में कार्य करता रहेगा।
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ में सरकार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के तहत कार्य करेगी। इसके लिए दो डिविजन बनाए जाएंगे, जिसमें लोक निर्माण विभाग व सिंचाई विभाग से इंजीनियर डेपुटेशन पर नियुक्त किए जाएंगे। नेहरू पर्वतारोहण दल कार्यदायी संस्था के रुप में कार्य करता रहेगा।
शासन ने केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यो के लिए रणनीति तैयार की है। सभी निर्माण कार्य अब एसडीएमए के तहत किए जाएंगे। इसमें सोनप्रयाग से लेकर केदारनाथ तक होने वाले निर्माण कार्य शामिल किए गए हैं। पुनर्निर्माण कार्यो के लिए दो अस्थाई डिविजन बनाए गए हैं। बाढ़ सुरक्षा कार्यो के लिए सिंचाई विभाग के डिविजन व सिविल वर्क के लिए दूसरा डिविजन खोला गया है। इन डिविजनों पर डेपुटेशन में तैनाती होगी। प्रत्येक डिविजन के लिए एक अधिशासी अभियंता, दो सहायक अभियंता और चार जेई नियुक्त किए जाएंगे। बाढ़ सुरक्षा कार्यो को सिंचाई खंड वाला डिविजन करेगा। जबकि सिविल वर्क के लिए लोनिवि से आने वाले इंजीनियर करेंगे। जिले में गठित जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण निर्माण कार्यो की समीक्षा करेगा। इसके मुखिया जिलाधिकारी होंगे। इसके साथ ही हाई पावर कमेटी का गठन भी किया गया है। जो अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा के दिशा निर्देश में कार्य करेंगी। प्राधिकरण का कार्यालय रामपुर में बनाया जाएगा। वहीं निम भी कार्यदायी संस्था के रुप में कार्य करता रहेगा।
केदारनाथ में सर्व प्रथम क्षतिग्रस्त भवनों को हटा कर इनके स्थान पर नई केदारपुरी बसाई जानी है।
केदारनाथ में बनी 100 मीटर सड़क-
केदारनाथ में भारी मशीनें पहुंचने के साथ ही निर्माण कार्य शुरू हो गया है। रविवार को जेसीबी मशीन ने हैलीपैड से सौ मीटर मंदाकिनी नदी की ओर मोटर मार्ग बना दिया। मंदाकिनी और सरस्वती नदी के संगम स्थल पर बनाए जाने वाले घाट निर्माण के लिए यह सड़क बनाई जा रही है। रविवार को वायु सेना का मालवाहक जहाज मौसम की खराबी के चलते केदारनाथ का केवल एक ही चक्कर लगा सका।
केदारनाथ में निर्माण कार्य ने गति पकड़ ली है। हाइड्रा ने जहां भारी सामान को एक दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया, वहीं जेसीबी मशीन मोटर मार्ग बनाने में जुट गई है। प्रदेश सरकार घोषणा कर चुकी है कि मंदाकिनी नदी पर घाट का सर्वप्रथम निर्माण किया जाएगा। इसको देखते हुए घाट के निर्माण के लिए सड़क बनाई जा रही है ताकि यहां डंफर और अन्य मशीनें पहुंच सकें। रविवार को वायु सेना का मालवाहक जहाज केवल एक ही चक्कर लगा सका, इसमें पोकलैंड मशीन के हिस्से भेजे गए। इस बीच, रविवार सुबह गढ़वाल कमिश्नर एनएस नपच्याल और डीएम राघव लंगर ने केदारनाथ पहुंचकर पुनर्निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। यहां तोड़े जा रहे भवनों को भी देखा।
डीएम राघव लंगर ने बताया कि केदारनाथ में मशीनें पहुंचने के बाद पुनर्निर्माण कार्यो में तेजी आ गई है। इसकी लगातार समीक्षा की जा रही है।