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चारधाम यात्रा की तरह सुगम होगी कैलास यात्रा

कैलास मानसरोवर यात्रा को सुगम बनाने के लिए शासन सभी व्यवस्थाएं मुहैया करा रहा है। चारधाम यात्रा की तर्ज पर वहां के अनुभवों को कैलास मानसरोवर यात्रा में क्रियान्वित किया जाएगा। तिब्बत सीमा तक बन रही गर्बाधार-लिपूलेख सड़क को डेढ़ वर्ष के भीतर बनाने को राज्य सरकार बीआरओ को धनराशि

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 22 May 2015 02:42 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2015 02:49 PM (IST)

धारचूलाकैलास मानसरोवर यात्रा को सुगम बनाने के लिए शासन सभी व्यवस्थाएं मुहैया करा रहा है। चारधाम यात्रा की तर्ज पर वहां के अनुभवों को कैलास मानसरोवर यात्रा में क्रियान्वित किया जाएगा। तिब्बत सीमा तक बन रही गर्बाधार-लिपूलेख सड़क को डेढ़ वर्ष के भीतर बनाने को राज्य सरकार बीआरओ को धनराशि के अलावा नई मशीनरी उपलब्ध कराएगी। कैलास यात्रियों को इस वर्ष लामारी में एसएसबी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराएगी।

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यह बातें मुख्य सचिव एन रविशंकर ने गुरुवार को कैलास मानसरोवर यात्रा के प्रमुख पड़ाव गुंजी में अधिकारियों की बैठक में कहीं। गुंजी के मनीला मैदान में आइटीबीपी कैंप में यह बैठक हुई। मुख्य सचिव ने ग्रिफ और लोनिवि अधिकारियों को सबसे पहले मार्ग खोलने को कहा। नाबीढांग से लिपूलेख के मध्य नौ किमी मार्ग पर जमा बर्फ यात्रा शुरू होने से पूर्व हटाने के सख्त निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि गर्बाधार से तिब्बत चीन सीमा लिपूलेख तक 136 किमी मार्ग को तीन वर्ष के बजाय डेढ़ वर्ष में ही पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार बीआरओ को धनराशि और मशीनरी उपलब्ध करा रही है। उच्च हिमालयी भू भाग में मजदूरों की कमी को देखते हुए ठेके पर मजदूरों की आपूर्ति करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष से कैलास मानसरोवर यात्र दलों के प्रथम पैदल पड़ाव गाला से गुंजी तक की सुरक्षा का जिम्मा एसएसबी को दिए जाने का प्रस्ताव किया गया है। गुंजी से चीन सीमा तक सुरक्षा की जिम्मेदारी आइटीबीपी की रहेगी।कैलास मानसरोवर यात्रा के दौरान उच्च हिमालयी भू भाग में ऑक्सीजन की कमी से होने वाली बीमारी के उपचार के लिए हीपो बैग और ऑक्सीजन सिलेंडरों के लिए आइटीबीपी को दो लाख रुपये दिए जा रहे हैं। उच्च हिमालयी भू भाग में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्य सचिव ने कहा कि पिथौरागढ़ की नैनी सैनी हवाई पट्टी शीघ्र चालू होगी। पर्यटकों को पर्यटक स्थलों तक पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए केएमवीएन को दीर्घकालीन योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत, नेपाल और तिब्बत सीमा पर आपदा से निपटने के लिए जौलजीवी में आपदा प्रबंधन केंद्र खोला जा रहा है। जहां पर एमआई 17 जैसे बड़े हेलीकॉप्टर लैंड कर सकेंगे। गुंजी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने के लिए भूमि चयन और पांगला, सोसा में संविदा पर चिकित्सकों की नियुक्ति का आश्वासन दिया। मुख्य सचिव ने ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी।

बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने बताया कि गुंजी और अंतिम पड़ाव नाबीढांग, सोसा में शीघ्र ही हेलीपैड का निर्माण किया जाएगा। बैठक में आइजी गढ़वाल संजय गुंज्याल, जिलाधिकारी सुशील कुमार, एसएसबी के कमांडर डीडीहाट राजेश ठाकुर, सेनानी पिथौरागढ़ मानवेंद्र नेगी, सेनानी आइटीबीपी केएस रावत, एमडी केएमवीएन डीएस गब्र्याल, सीडीओ विनोद गिरी गोस्वामी, एसडीएम एके पांडेय, आरएस राणा, ग्रिफ के ओसी मनीष नारायण सहित ग्रामीण जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।


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