एक जून को शुरू होगी चंडी मिंधल यात्रा, छड़ी का इतिहास 145 वर्ष है पुराना
चंडी मिंधल यात्रा एक जून से आरंभ होने जा रही है। पिछले पंद्रह वर्षो से आदि शक्ति देवी चंडिका सेवक संस्था की ओर से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली छह दिवसीय यात्रा के दौरान मां की दिव्य छड़ी विधिवत पूजा-अर्चना के साथ प्राचीन चंडी माता मंदिर बलासू डोडा से
जम्मू। चंडी मिंधल यात्रा एक जून से आरंभ होने जा रही है। पिछले पंद्रह वर्षो से आदि शक्ति देवी चंडिका सेवक संस्था की ओर से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली छह दिवसीय यात्रा के दौरान मां की दिव्य छड़ी विधिवत पूजा-अर्चना के साथ प्राचीन चंडी माता मंदिर बलासू डोडा से मिंधल पांगी हिमाचल के लिए प्रस्थान करेगी।
इस बात की जानकारी संस्था के प्रधान प्रो. डीएस मन्हास ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी। उन्होने कहा कि छड़ी का इतिहास 145 वर्ष पुराना है और इसमे हर वर्ष सैकड़ो की संख्या मे श्रद्धालु भाग लेते है। यात्रा का पड़ाव जहां-जहां भी रहेगा, वहां श्रद्धालुओ के ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था संस्था की ओर से की जाएगी। उन्होने बताया कि बलासू डोडा से एक जून को छड़ी रवाना की जाएगी, जो शाम को गौरी शंकर मंदिर किश्तवाड़ पहुंचेगी। 2 जून को यात्रा का पड़ाव काली मंदिर सोल पाडर होगा, जबकि अगले दिन 3 जून को श्रद्धालु मिंधल पांगी हिमाचल मे स्थित मां चंडी दरबार मे हाजिरी देगे।
चार जून को वहां विशाल मेला भी आयोजित किया जाएगा। विधिवत रूप मे पूजा-अर्चना, हवन यज्ञ के उपरांत श्रद्धालु छड़ी के साथ पांच जून को वापस डोडा के लिए रवाना होगे और 6 जून को प्राचीन चंडी माता मंदिर पहुंचेगे। मन्हास ने कहा कि अभी तक इस यात्रा मे जम्मू संभाग के विभिन्न जिलो से ही श्रद्धालु शामिल होते है। उन्होने समस्त राज्यवासियो को इस यात्रा मे शामिल होकर मां चंडी का आशीर्वाद प्राप्त करने को कहा।