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सारनाथ के प्रतिबंधित क्षेत्र में बिना एनओसी बना कंबोडियाई बौद्ध मंदिर

28 फरवरी को सारनाथ क्षेत्र में जिस कंबोडियाई बौद्ध मंदिर का उद्घाटन होना है, विकास प्राधिकरण उसके ध्वस्तीकरण का आदेश जारी कर चुका है। पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के मानकों की अनदेखी कर बनाए गए मंदिर के मामले में कागजी घोड़े खूब दौड़े, पर निर्माण रोकने की कोशिश नहीं हुई।

By Edited By: Published: Fri, 28 Feb 2014 03:27 PM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2014 03:30 PM (IST)
सारनाथ के प्रतिबंधित क्षेत्र में बिना एनओसी बना कंबोडियाई बौद्ध मंदिर

वाराणसी। 28 फरवरी को सारनाथ क्षेत्र में जिस कंबोडियाई बौद्ध मंदिर का उद्घाटन होना है, विकास प्राधिकरण उसके ध्वस्तीकरण का आदेश जारी कर चुका है। पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के मानकों की अनदेखी कर बनाए गए मंदिर के मामले में कागजी घोड़े खूब दौड़े, पर निर्माण रोकने की कोशिश नहीं हुई।

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नियम है कि.सारनाथ में घोषित पुरातात्विक धरोहरों से 300 मीटर के दायरे में निर्माण नहीं हो सकता।

100 मीटर दायरा पूर्णत: प्रतिबंधित है। शेष 200 मीटर में निर्माण के लिए विकास प्राधिकरण के जरिए मंडलायुक्त एनओसी देते हैं। बिना एनओसी प्रतिबंधित क्षेत्र में मंदिर निर्माण की बाबत पुरातत्व सर्वेक्षण ने दो वर्ष के दौरान कई बार शिकायत की, लेकिन सब व्यर्थ।

कम्बोडियाई बौद्ध मंदिर ध्वस्तीकरण का है आदेश- निर्माण नियम विरुद्ध पाए जाने पर विकास प्राधिकरण की ओर से ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया गया है। ताजा जानकारी फाइल देखकर ही बताई जा सकती है।

- केसी पांडेय, जोनल अधिकारी व अधिशासी अभियंता, विकास प्राधिकरण

बार-बार शिकायत-पुरातत्व विभाग की ओर से विकास प्राधिकरण, मंडलायुक्त व जिलाधिकारी से चार-पांच बार लिखित शिकायत की गई। अंतिम शिकायत चार माह पूर्व की गई थी।- पीके त्रिपाठी, वरिष्ठ संरक्षण सहायक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण

एसएसपी से भी शिकायत-मंदिर के नियम विपरीत निर्माण मामले में स्थानीय पुलिस व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तक को पत्र लिखा गया था। कुछ दिन काम बंद रहा, फिर शुरू हो गया।

- परशुराम, जोनल अवर अभियंता

विकास प्राधिकरण प्रबंधन ने की है अपील- मंदिर प्रबंधन ने ध्वस्तीकरण के आदेश के क्रम में मंडलायुक्त के यहां अपील की है। अपील फीस उन्होंने प्राधिकरण में जमा की है। - अयाज, जोनल लिपिक, वीडीए।


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