बांके बिहारी का हुआ ब्याहुला
सुनो री आज ठाकुर जी का ब्याहुला है चलो देखें, दूल्हा बने ठाकुरजी कैसे दिखते हैं। एक ब्रजवासी बालिका दूसरी बालिका से कहती है। दरअसल वृंदावन में ठा. राधाबल्लभ लाल का ब्याह एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसमें विधिविधान और मंत्रोच्चार के साथ वेदपाठी ब्राह्म्ण जग के
वृंदावन। सुनो री आज ठाकुर जी का ब्याहुला है चलो देखें, दूल्हा बने ठाकुरजी कैसे दिखते हैं। एक ब्रजवासी बालिका दूसरी बालिका से कहती है। दरअसल वृंदावन में ठा. राधाबल्लभ लाल का ब्याह एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसमें विधिविधान और मंत्रोच्चार के साथ वेदपाठी ब्राह्म्ण जग के रचयिता का विवाह रचाते हैं।
राधाबल्लभ मंदिर में सेवायतों ने ठाकुरजी के विवाह की तैयारी गुरुवार रात पूरी कर ली। ठाकुरजी को दूल्हा बना सुगंधित चमेली के फूलों का सेहरा पहनाया गया। इस दौरान महिलाओं ने परंपरागत विवाह गीत गाए। ढोलक और हारमोनियम की संगीतमय गूंज पूरे मंदिर प्रांगण को गुंजायमान कर रही थी। इस दौरान ठाकुरजी को दूल्हा बनते देखकर भक्त मगन हो गए। श्रद्धालुओं ने राधाबल्लभ लाल के जयकारे लगाए।
उल्लेखनीय है कि प्राचीन ठाकुर राधाबल्लभ मंदिर में ब्याहुला उत्सव साल में कई बार मनाया जाता है। सेवाधिकारी आनंद लाल गोस्वामी और रामोद लाल गोस्वामी ने प्रभु श्री राधाबल्लभलाल के विवाह की तैयारियों कीं। मोहत मराल गोस्वामी और गोङ्क्षवद गोस्वामी ने विवाहोपरांत बराती बने सभी भक्तों को भोजन कराया।